शरीर के अन्य अंगों की तरह ही सर्दियों में नाजुक आंखों की भी देखभाल की जरूरत :डा.रत्नेश पाण्डेय

  • सर्दियों में बढ़ सकती हैं आंखों की परेशानियां

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

सर्दी के मौसम में लोग अक्सर स्किन और ठंड से बचने का ज्यादा ख्याल रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं,कि सर्दी का आंख पर भी नेगेटिव असर होता है, तो जानते हैं इससे कैसे बचा जा सकता है।डॉक्टर्स का मानना है कि सर्दी से आपकी आंख पर भी असर पड़ता है।प्रदेश भर में नवंबर के अंतिम सप्ताह के बाद से सर्दी अपना तेवर दिखाना शुरु कर देती है। सर्दी के मौसम में लोग ठंड से बचने के साथ ही अपने शरीर का खास ख्याल रखते हैं। लोग ना सिर्फ अपनी डाइट में बड़ा बदलाव करते हैं बल्कि अपनी स्किन, बालों का भी ध्यान रखते हैं। लेकिन, इस सर्दी के बीच लोग अपनी आंखों का ध्यान रखना भूल जाते हैं और उन्हें लगता है कि ठंड से आंखों पर खास असर नहीं पड़ता है। मगर ऐसा नहीं है, सर्दी से भी आंखों पर असर पड़ता है। तो जानना जरूरी है कि आखिर सर्दी का आंखों पर किस तरह से असर पड़ता है ताकि आप आंखों को भी हेल्दी रख सकें।ऐसे में जानते हैं कि आखिर ठंड किस तरह से आपकी आंखों को प्रभावित कर रही है और कैसे ठंड में आखों को सुरक्षित रखा जा सकता है. तो जानते हैं सर्दी और आंखों का क्या कनेक्शन है और सर्दी में किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए…बीकेटी में अस्ती रोड पर स्थित रोशनी आई केयर (आँखों का अस्पताल)के निदेशक डा.रत्नेश पाण्डेय ने राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक निष्पक्ष प्रतिदिन के वरिष्ठ संवाददाता अजय सिंह चौहान से सोमवार को एक विशेष बातचीत में सर्दी में आँखों को कैसे हेल्दी रखा जा सकता है के बारे में बताया कि, ‘जैसे ही सर्दी आती है, लोग पूरे दिन हीटर, आग आदि के जरिए गर्मी पैदा करते हैं और ठंड से बचते हैं। इससे उनकी आंखों पर असर पड़ता है। इससे आंखों में सूखापन, खुजली आदि की शिकायत होने लगती है।ड्राई आई की सबसे ज्यादा दिक्कत सर्दी में होती है, और इस स्थिति में आंसू का प्रोडक्शन कम हो जाता है और इससे आंखें खराब होने लगती हैं। दरअसल, आंखों को स्मूथ रखने और साफ रखने के लिए आंखों पर समान रूप से आंसू (पानी) फैलाने के लिए पलक झपकना महत्वपूर्ण है।

डा.पाण्डेय आगे बताते हैं कि सर्दियाँ न केवल बच्चों की आँखों को शुष्क कर देती हैं, बल्कि ठंड के महीने ठीक इसके विपरीत अत्यधिक आँसू उत्पन्न करके भी आँखों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे उनकी दृष्टि धुंधली हो सकती है और उनमें जलन हो सकती है। आँखों में आंसू आने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने बच्चे को बाहर निकलने पर सुरक्षात्मक चश्मा या धूप का चश्मा पहनाएँ ताकि उसकी आँखों को ठंडी हवा से बचाया जा सके। यदि आपका बच्चा आंखों में आंसू आने की समस्या से जूझ रहा है, तो अपने नेत्र चिकित्सक से अपॉइंटमेंट लें ताकि वे आंखों की जांच कर सकें क्योंकि अत्यधिक आंसू संक्रमण, अवरुद्ध आंसू नलिकाओं या सूखी आंखों जैसी अन्य स्थितियों के कारण भी आ सकते हैं।वे आगे कहते हैं कि सर्दी और सूखापन साथ-साथ चलते हैं। सर्दियों के महीनों के दौरान बच्चों सहित हम सभी को ब्लोअर हीटर से चिपके रहना पसंद है। लेकिन इसका नतीजा यह होता है कि न सिर्फ उनकी त्वचा बल्कि आंखों की नमी भी खत्म हो जाती है। हालाँकि, इसका एक उपाय है – पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना। जितना संभव हो सके अपने बच्चे के चेहरे पर सीधी गर्मी से बचने की कोशिश करें और हवा के प्रवाह को उनके चेहरे से दूर रखें। तेज़ हवा वाले दिन में, उनकी आँखों में नमी की कमी को रोकने के लिए उन्हें सुरक्षात्मक चश्मा पहनाएँ। यदि आपका बच्चा पहले से ही सूखी आंखों से पीड़ित है, तो अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करना हमेशा एक अच्छा विचार है क्योंकि वे सलाह देंगे कि क्या उपाय करें ताकि आप सर्दियों के दौरान सूखी आंखों से बच सकें।कुछ बच्चों में विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता विकसित हो जाती है। इससे देखने में कठिनाई हो सकती है, विशेषकर ब्लैकबोर्ड को देखते समय। इसलिए, उन्हें गर्मियों की तरह धूप का चश्मा पहनने के लिए कहें। धूप का चश्मा उनकी आंखों को सूरज की यूवी किरणों से बचा सकता है जिससे संवेदनशीलता जैसी कई आंखों की समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यदि आप अपने बच्चे को बहुत अधिक भेंगापन या अपनी आंखों को छूते हुए देखते हैं, तो नियमित रूप से आंखों की जांच जरूरी है।

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