शिक्षा के बिना जीवन अधूरा, शिक्षित व्यक्ति ही समाज को दे सकता है नई दिशा: आलोक त्रिवेदी

  • बड़े धूमधाम से मनाया गया कुम्हराँवा स्थित उमा विद्या मंदिर विद्यालय का वार्षिकोत्सव
  • कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देशभक्तों की वीरता, बेटी बचाओ बेटी जैसे का दिया संदेश

निष्पक्ष प्रतिदिन/बीकेटी, लखनऊ

शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। क्योंकि शिक्षित व्यक्ति ही समाज को नई दिशा दे सकता है। बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश के विकास में सहयोग के साथ-साथ अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है। शिक्षकों को बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देनी चाहिए। मुझको लगता है कि इन सब गुणों में यही स्कूल सबसे अव्वल दर्जे का है। जिस तरह स्कूल के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ऐसे में लगता है कि शिक्षक और छात्र काफी मेहनत करते हैं और उन्होंने सभी का उत्साहवर्धन भी किया। शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधि समय-समय पर होते रहना चाहिए। छात्रों को अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए।यह बात इटौंजा के कुम्हराँवा में स्थित दीन दयाल ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा संचालित उमा विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव का मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता अलोक त्रिवेदी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। 
उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं के अंदर एक नई प्रतिभा का विकास होता है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को एक नया मुकाम हासिल करने का अवसर प्राप्त होता है।उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा एक अमूल्य धरोहर है, जिसको न ही कोई बांट सकता है और न ही कोई चुरा सकता है। शिक्षा के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर कर एक नई चेतना पैदा की जा सकती है। इसके लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़कर सहयोग करना चाहिए।प्रबंधक एन. अग्निहोत्री ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देना ही हमारी प्राथमिकता है। बच्चों के चहुमुखी विकास का पूरा प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को विश्वस्तरीय एजुकेशन देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रोजेक्ट सहित अन्य उपकरण के माध्यम से उनकी पढ़ाई कराई जा रही है। यही कारण है कि तेजी से इन बच्चों में सुधार हो रहा है। बच्चे जब किसी चीज को देख एवं सुनकर पढ़ते हैं तो उसका रिजल्ट अलग ही होता है।इसी क्रम में हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रुप देते हैं। हमें समाज को शिक्षित एवं संस्कारित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवारों के बढ़ने के साथ-साथ उनकी युवा पीढ़ी को संस्कारित एवं सकारात्मक मार्ग दर्शन की आवश्यकता है। कार्यक्रमों से छात्रों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारना आसान होता है।विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया। छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों का मन लुभाया। कई छात्र – छात्राओं ने ड्रामा, नाटक प्रस्तुत करके समाज के लोगों को जागरूक किया। पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देशभक्तों की वीरता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र – छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने दिया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत भी किया। छात्रों के अभिभावकगण और क्षेत्र के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम को देखने के लिए विद्यालय पहुंचे।कार्यक्रम को रमाशंकर शुक्ला,अरुण द्विवेदी,सीताकांत बाजपेयी,सुनीता द्विवेदी,निशांत अग्निहोत्री आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।कार्यक्रम में मुख्यरूप से उप प्रबंधक निर्विकार अग्निहोत्री,प्रधानाचार्य राजकिशोर रावत,मधुमति तिवारी,प्रताप नरायण बाजपेई,निधि शुक्ला,अंशिका,नेहा सिंह,शुभी शुक्ला,दिव्यांशी सिंह,ब्रजेश बाजपेई,निश्छल अग्निहोत्री,रामप्रवेश यादव,संजय,जितेंद्र, अवधेश व अजय यादव समेत क्षेत्र के सैंकड़ों गणमान्य नागरिक,अभिभावक व छात्र छात्राओं सहित विद्यालय का स्टाफ मौजूद रहा।

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