एसआरएमयू में द्वितीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ
बाराबंकी, 23 अप्रैल 2024 को मिनी आडिटोरियम, प्रशासनिक भवन में इन्स्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में द्वितीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि एंड प्रशान्त सिंह अटल चीफ स्टैंडिंग काउन्सिल, उच्च न्यायालय, सचिव, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल तथा विनय कुमार सिंह, डी जी सी, गोण्डा के कर कमलों द्वारा चांसलर इजी पंकज अग्रवाल, प्रो चांसलर इजी पूजा अग्रवाल, वाइस चांसलर प्रो० डी० के० शर्मा, रजिस्ट्ररार डॉ नीरजा जिन्दल तथा डायरेक्टर डॉ रोहित पी साबरन की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर एवं ब्रोसर के पर्दापण द्वारा प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात सहायक प्रवक्ता आयुषी तिवारी, (मूट कोर्ट कमेटी) द्वारा परिचय व्यक्तव्य प्रस्तुत किया गया। तथा प्रथम राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की उपलब्धि को प्रस्तुत किया गया। देशभर की 50 से अधिक टीमों के प्रतिभाग करने को मुख्य अतिथि ने एक सकारात्मक उत्थान का प्रदर्शन करार दिया तथा, वाइस चांसलर प्रोफेसर डी के शर्मा ने डॉ रोहित और उनकी टीम को लगातार सफल आयोजनों के लिए उनकी विधिक रचनात्मकता की प्रशंसा की। वहीं रजिस्ट्रार मेम ने बहुत सी फिल्मो का डायलॉग के उदाहरण से कि, सी यूं इन कोर्ट, के द्वारा समाज का अधिवक्ता समाज पर विश्वास को व्यक्त किया और बच्चों को इससे सीख लेने की सलाह दी। मुख्य अतिथि ने आमत्रण हेतु सभी का धन्यवाद अर्पित किया, तथा अपने समय में मूट कोर्ट ना होने तथा वर्तमान में मूट कोर्ट के द्वारा प्रैक्टिस में सहजता और आत्मविश्वास उत्पन्न होना आज की विधिक शिक्षा का महत्वपूर्ण अवयव है और उसका लाभ उठायें, वकालत ही एक ऐसा पेशा है जो पूरे विश्व में विभिन्न सामाजिक परिवर्तनों में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता रहा है, तथा वकालत पेशे में ट्रायल, सर्विस और सिविल के अच्छे वकीलों के लिए कैरियर में अत्यंत अवसरों की बात रखी गई, अपनी बात का समाप्त करते हुए युवाओं का आवाहन किया कि, जिस और जवानी चलती है उस और जमाना चलता है, विशिष्ट अतिथि ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए बच्चों को मूट कोर्ट द्वारा आत्मविश्वास बढ़ाने का एक अभ्यास या कोर्स के रूप में बच्चों को महत्व महसूस करवाया। तथा 25 वर्ष पूर्व कोर्ट में अपनी पहली एप्लिकेशन लिखने पर मिली पहली फीस का जिक्र किया, तथा छात्र छात्राओं द्वारा भविष्य में न्यायिक सेवा में भेदभाव ना करने का आवाहन किया। तथा डिफेन्स लायर बनकर गरीबों के लिए उम्मीद बन कर व्यवसाय करना ना कि व्यापार। सभा में उपस्थित श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिनंदन व्यक्त किया। तत्पश्चात उपरोक्त आयोजन का समापन 27 अप्रैल को होना है जिसमें 100 से अधिक गणमान्य अधिवक्ता एवं विधि प्रवक्ता जज के रूप में प्रतियोगिता का मूल्यांकन करेंगे, यह श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के विधिक सामाजिक दायरे का एक छोटा सा प्रतिरूपण है यह विचार अपने अभिभाषण में डाॅ रोहित पी साबरन ने व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, चांसलर, प्रो चांसलर, बाइस चांसलर, एवं रजिस्ट्ररार को धन्यवाद अर्पित किया। तथा मूट कोर्ट की समस्या जोकि अनुच्छेद 19, 20, 21 से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जीवन की गरिमा से सम्बंधित है उसका परिचय एवं महत्व समझाया, उन्होंने फैकल्टी मूट कोर्ट कोआडिनेटर अभिनव मिश्रा, कार्यक्रम संचालक तान्या, की प्रशंसा की, तथा महर्षि शुक्ला, अभिषेक कुमार सिंह, अर्चिता, लक्ष्मण सिंह, अदिति आदि की सराहना की, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन कथन एस के ऋषिकेश द्वारा प्रस्तुत कर मीडिया कर्मियों तथा मीडिया विभाग को धन्यवाद किया और कार्यक्रम को अग्रसारित किया गया।