राजकीय आईटीआई के पूर्व प्रधानाचार्य समेत 8 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने धोखाधड़ी का दर्ज किया मुकदमा

प्रशिक्षण के नाम पर लाखों रुपए गबन करने का है आरोप

बलिया। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बलिया के प्रधानाचार्य समेत आठ लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई सीजेएम कोर्ट के आदेश पर की है। इन लोगों पर प्रशिक्षण यात्रा एवं अन्य प्रशासनिक कार्य के लिए आवंटित दो लाख 50 हजार रुपये के उपयोग में वित्तीय अनियमितता का आरोप है।
मिली जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के मिश्र नेवरी निवासी अधिवक्ता और आरटीआई कार्यक्रता मनोज कुमार राय हंस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई थी कि सूचना के अधिकार (RTI) तहत उन्होंने 30 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी, जिसमें अधिकांश बिंदुओं पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बलिया द्वारा सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई।

यही नहीं, एक बिंदु के जवाब में बताया कि दो लाख 50 हजार रुपये का उपयोग सत्र 2012-13 मेंं प्रशिक्षण यात्रा एवं अन्य प्रशासनिक व्यय के मद का बताया गया। जिसका उपयोग 30 कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने के मद के विचलन का अपराध कारित किया गया। इसके अलावा संस्थान के पास प्रशिक्षण हेतु कम्प्यूटर खरीदारी से संबंधित दस्तावेज नहीं है। उस तिथि तक संस्थान में 30 कम्प्यूटर ही मौजूद नहीं है। ऐसी स्थिति में 11 कम्प्यूटर से 30 कर्मचारियों को 01जनवरी 2013 से 13 मार्च 213 तक किस विधि से प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया। बल्कि एक ही व्यक्ति का नाम दिखाकर दो बार धन आहरित किया गया, जो आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व प्रधानाचार्य अरविन्द कुमार, कैशियर शशि प्रकाश मिश्र, लेखाकार रमेश कुमार यदुवंशी, मु. नसीमुद्दीन, पूर्व प्रधानाचार्य धर्मवीर सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य रविंद्र पटेल, प्रधानाचार्य संजय कुमार भारती व निर्देशक एसआर कम्पूवेयर प्रालि, लखनऊ रविशंकर तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश कोतवाली पुलिस को दिया था। इस बाबत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बलिया के प्रधानाचार्य समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है।

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