जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान आरम्भ….

रविवार को पोलियो बूथ पर पिलाई जाएगी “दो बूंद जिंदगी की खुराक”

जनपद में 4.70 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य

बलिया। जनपद में 10 दिसम्बर से सघन पल्स पोलियो अभियान शुरू हो रहा है। रविवार को इसकी शुरुआत बूथ पर बच्चों को दवा पिलाने से की जाएगी। सघन पल्स पोलियो अभियान की तैयारियों को लेकर बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। जिसमें अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने मे संबंधित विभाग अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करे, जिससे इस अभियान को सफल बनाया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय पति द्विवेदी ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान 10 से 16 दिसम्बर तक चलेगा। अभियान में 4.70 लाख बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि जनपद में 10 दिसम्बर (रविवार) को करीब 1680 बूथ पर बच्चों को “दो बूंद जिंदगी की” पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 से 16 दिसम्बर तक टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए 856 टीम और 90 मोबाइल टीम बनाई गईं हैं, जो लक्षित 4.70 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने सभी धर्म के धर्म गुरुओं से अपील की कि अपने समुदाय के लोगों को जागरुक कर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।

पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाए
बलिया। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. शशि प्रकाश ने बताया कि पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाए।

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