अवकाश समाप्त होते ही काम पर लौटेंगे KK Pathak

पटना। इंटरनेट मीडिया पर दिनभर परोसी गई गलत जानकारी से खुश होने वाले बिहार के शिक्षकों के लिए सच्ची खबर यह है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने त्याग पत्र नहीं दिया है। वे उपार्जित अवकाश पर हैं और इसके समाप्त होते ही फिर काम पर लौटेंगे।

वे सामान्य प्रक्रिया के तहत 16 जनवरी तक उपार्जित अवकाश पर हैं। इस अवकाश पर जाने वाले अधिकारी को सामान्य प्रशासन विभाग को सूचना देनी होती है। ताकि, उनके छुट्टी में रहने पर दूसरे अधिकारी को संपूर्ण प्रभार दिया जा सके।

बता दें कि केके पाठक का एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। इसमें केके पाठक ने खुद लिखा था कि वह शिक्षा विभाग में अपने पद का परित्याग कर रहे हैं। इस वायरल लेटर के बाद खबरें उठनी शुरू हो गईं कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बाद में तमाम तहकीकात के बाद पूरी सच्चाई सामने आई।  

बैद्यनाथ यादव 9 जनवरी को संभाल चुके हैं प्रभार

उनके अवकाश पर जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को संपूर्ण कार्यों के निष्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है। बैद्यनाथ यादव 9 जनवरी को ही प्रभार संभाल चुके हैं।

यहां बता दें कि यदि अधिकारी आकस्मिक अवकाश पर जाते हैं, तब उन्हें अपने पद का प्रभार स्वत: परित्याग नहीं करना पड़ता है। लेकिन, उपार्जित अवकाश की स्वीकृति के बाद उन्हें स्वत: प्रभार से मुक्त होने की लिखित घोषणा करनी पड़ती है।

ध्यान रहे कि गुरुवार दिन में यह खबर तेजी से फैली थी कि केके पाठक ने इस्तीफा दे दिया है। उनका त्याग पत्र भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। हालांकि, शाम होते-होते अटकलबाजी पर विराम लग गया है।

केके पाठक के बारे में जानिए खास बातें

केके पाठक 1990 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई यूपी से की थी। 1990 में उन्हें कटिहार में पहली पोस्टिंग मिली। 1996 में पहली बार केके पाठक पहली बार डीएम बने थे। 2015 में आबकारी नीति लागू करने में केके पाठक का अहम योगदान रहा। केके पाठक (kk pathak) को जून 2023 में मद्य निषेध विभाग से हटाकर बिहार शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया।

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