बहराइच। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा अपराध की रोकथाम व जनता की सुरक्षा हेतु दिये गये दिशा निर्देश के अनुपालन मे अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) पवित्र मोहन त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी महसी अनिल कुमार सिंह के निर्देशन में गुरुवार को थाना रामगांव पर वादी मुकदमा रियाज अहमद पुत्र हसमतउल्ला निवासी ग्राम चिल्हरिया दा0 सोहरवा थाना रामगांव द्वारा सूचना दी गयी कि मेरे पुत्र अकरम उम्र करीब 22 वर्ष का बीते 17 अप्रैल 2024 को सांय काल मे अपहरण हो गया है। तहरीर के आधार पर थानाध्यक्ष रामगांव शशि कुमार राणा द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए तत्काल मु0अ0सं0 153/2024 धारा 364ए बनाम दोस मोहम्मद व दो मोबाइल नम्बरो के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। सूचना उच्चाधिकारियो को अवगत कराते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा 03 टीमो की गठन किया गया। गठित पुलिस टीमों की सक्रियता से घटना के 12 घंटे के अंदर ही अपृहत अकरम को पुलिस टीम ने दबिश देते हुये नेवादा निवासी कृष्ण प्रताप के घर से सकुशल बरामद कर लिया गया। इस घटना मे शामिल दोस मोहम्मद, कमरूद्दीन, बब्बन सिंह उर्फ संतोष कुमार, कुलदीप शुक्ला, कृष्ण प्रताप उर्फ जज को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि 04 आरोपी मौके से भागने में सफल रहे। पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तो के कब्जे से 02 अदद तमंचा 315 बोर व 6 अदद जिंदा कारतूस व एक खोखा भी बरामद हुआ है। वहीं घटना मे प्रयुक्त कार मारूति एस-प्रेसो व अपहृत की मोटरसाइकिल घटनास्थल से बरामद की गई है, साथ ही साथ 06 एन्ड्रोड फोन भी बरामद किये गये।
फिरौती के लिए रची गई थी अपहरण की साजिश
घटना के अनुसार वादी रियाज अहमद के पुत्र अकरम उम्र करीब 22 वर्ष को उसके गांव के दोस मोहम्मद उर्फ शेर अली द्वारा गुमराह करके इलाज कराने की बताकर उसकी ही मोटर साइकिल से चिचड़ी चौराहा आसाम रोड पर ले गया जहां पर उसके साथी कमरूद्दीन अपने साथी समीम,इस्लाम, राजू व इस्माइल के साथ मौजूद था दोस मोहम्मद कमरूद्दीन के होटल मुम्बई मे काम करता था तथा कमरूद्दीन से दोस मोहम्मद मे 80,000 रूपये उधार लिये थे। जिसे वापस नही कर पा रहा था जिसको लेकर आये दिन कमरूद्दीन परेशान करता था। अपने पैसे के बदले दोस मोहम्मद ने कमरूद्दीन व उसके अन्य साथियो से मिलकर वादी मुकदमा के लड़के अकरम के अपहरण की योजना बनाकर वादी मुकदमा के लड़के को चिचडी चौराहे पर ले गया जहाँ पर पूर्व से कमरुद्दीन के साथी चार पहिया मे इंतजार कर रहे थे। सभी ने अकरम को कार मे डाला व कमरुद्दीन ने अपने अन्य साथी बब्बन से मिलकर अपहृत को कृष्ण प्रताप के घर पर बंधक बनाकर रखा व वही से फिरौती की मांग बानो पत्नी दोस मोहम्मद के माध्यम वादी मुकदमा रियाज से की व अपहृता को डराने के लिए बब्बन ने फायर भी किया। लेकिन पुलिस टीम ने दबिश देकर अपहृत अकरम को सकुशल छुडाया व मौके से अपहरण कर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।