-बेहतर तरीके से मिल सकेगी बारिश और सूखे की जानकारी
उन्नाव। किसानों के लिए यह राहत की खबर है। जल्द ही उन्हें संभावित बारिश और सूखे की जानकारी और बेहतर तरीके से मिल सकेगी। इसके लिए जिले में एक टेली मैट्रिक वेदर स्टेशन (टीडब्ल्यूडीएस) और 38 स्थानों पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए जा रहे हैं।
काम दो महीने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद किसानों को जिले व तहसील क्षेत्र में बारिश की स्थिति या सूखा पड़ने की जानकारी पहले से हो सकेगी। जिले में अभी तक मौसम मापक स्टेशन नहीं है। इससे न तो बारिश होने जानकारी समय पर हो पाती है और न ही सूखे की। इसके लिए लखनऊ मौसम विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है। सूखे आदि की जानकारी समय पर न मिलने पर किसान काफी परेशान होते हैं।
अब प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए जिले में पहला टेली मैट्रिक वेदर स्टेशन बनाने के लिए मंजूरी दी है। यह कृषि विभाग के कार्यालय में बनेगा। इसके बनने से सूखे की जानकारी पहले से हो सकेगी। इसके आधार पर किसान फसल आदि की तैयारी कर सकेंगे।
जानकारों के मुताबिक, टीडब्ल्यूएस स्थापित होने से काफी फायदा होगा। समय से मौसम संबंधित गतिविधियों की जानकारी मिल सकेगी। किसान मौसम के आधार पर फसल की बुआई, जुताई व सिंचाई आदि कर सकेंगे।
लखनऊ पर निर्भरता होगी खत्म
अब बारिश की जानकारी के लिए भी लखनऊ पर निर्भरता खत्म होगी। प्रदेश सरकार छह तहसीलों सहित 38 स्थानों पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित कर रही है। इसमें से कई स्थानों पर काम भी पूरा हो चुका है। कुछ में काम अंतिम चरण में है। जानकारों के मुताबिक, अभी तक बारिश मापने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। सफीपुर के जमाल नगर और शेष में तहसील की छतों पर एक बाल्टीनुमा मापक यंत्र रखा हुआ है। बाल्टी में भरे पानी के आधार पर ही कुछ वर्षा का आंकलन किया जाता है। अब एडब्ल्यूएस में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। इससे बारिश की सही जानकारी हो सकेगी। इसके माध्यम से किसानों को मुआवजा आदि देने में भी आसानी होगी।
सूखे की जानकारी के लिए कृषि विभाग में टेली मैट्रिक वेदर स्टेशन बनाने को मंजूरी मिल गई है। शेष तहसीलों व ब्लाकों में मिलाकर 38 जगहों पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन निर्माणाधीन हैं।
-भवानी प्रसाद दुबे, आपदा विशेषज्ञ