सीएम,डिप्टी सीएम और बीजेपी नेताओं के फोटो लगे होर्डिंग और सरकारी कार्यालयों में लगी तस्वीरें चर्चा में।
प्रशासन मूकदर्शक,नहीं कर रहा कोई कार्रवाई।
कर्नलगंज,गोण्डा। लोक सभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगे हुए भले ही पांच दिन बीतने को हैं,लेकिन कर्नलगंज क्षेत्र में खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहाँ सीएम,डिप्टी सीएम और बीजेपी नेताओं के फोटो लगे संकेतक बोर्ड और सरकारी कार्यालयों में लगी तस्वीरें चर्चा में हैं। वहीं जिम्मेदार प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।आपको बता दें कि कर्नलगंज क्षेत्र के विभिन्न चौराहों,सड़कों पर व सरकारी कार्यालयों में अभी भी सत्ता पक्ष के नेताओं के होर्डिंग,पोस्टर व तस्वीर लगे हुए हैं। इससे आचार संहिता का खुला उल्लंघन होता दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के निर्देशों की कोई परवाह नहीं है। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे जनपद में आदर्श आचार संहिता लागू की जा चुकी है,लेकिन नियमों और शासनादेश को ताक पर रखते हुए कर्नलगंज बस स्टैंड मुख्य चौराहे के पास नवाबगंज को जाने वाले रास्ते के समीप और सरकारी अस्पताल तिराहे के पास कर्नलगंज से बहराइच जाने वाले सड़क के बीचो-बीच लगे संकेतक बोर्ड पर अब भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित सत्ता पक्ष के कई नेताओं के लगे होर्डिंग,पोस्टर आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसी के साथ ही नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के कार्यालय/सभागार में भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं की तस्वीरें लगी हुई हैं। जबकि चुनाव आयोग द्वारा सभी सरकारी कार्यालयों,परिसरों से भी तस्वीरें हटाने के सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा होर्डिंग,पोस्टर को देखकर कहा जा रहा है कि जब सत्तासीन नेताओं की सरकार केंद्र और प्रदेश में है तो पुलिस और आदर्श आचार संहिता का डर कैसा? इससे जिम्मेदार आला अधिकारियों व पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्ता पक्ष पर प्रशासन मेहरबान-
खास बात यह है कि जो होर्डिंग्स और बैनर लगे हैं,वह सत्ता पक्ष के ही हैं। नियम के मुताबिक जब आचार संहिता लगती है तो दोनों पक्ष के लिए एक ही नियम लागू होते हैं,लेकिन जिले में प्रशासन सत्ता पक्ष पर मेहरबान है।जब पिछले माह अवैध होर्डिंग और बैनर हटाने के लिए नगर पालिका परिषद की टीम ने कार्रवाई की थी तो उस समय भी सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों,नेताओं की होर्डिंग नही हटाई गई थीं और पक्षपात के आरोप लगे थे।