नई दिल्ली। न्यूजीलैंड टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉस टेलर ने नील वैगनर के संन्यास को लेकर हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिससे बवाल मच गया। 37 साल के वैगनर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट से एक दिन पहले संन्यास का एलान किया। वैगनर को इस वजह से ही प्लेइंग-11 में नहीं चुना गया था।
इसके बावजूद वह पहले टेस्ट में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में मैदान पर ड्रिक्स लेकर पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान फैंस का दिल जीत लिया था। इस बीच रॉस टेलर ने एक कार्यक्रम में कहा कि नील को जबरन संन्यास दिलाया गया। उनके बयान के बाद अब न्यूजीलैंड टीम के दिग्गज केन विलियमसन ने चुप्पी तोड़ी है।
केन विलियमसन ने रॉस टेलर के बयान के बाद तोड़ी चुप्पी
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फेंस के दौरान केन विलियमसन ने नील वैगनर के संन्यास को लेकर चुप्पी तोड़ी। केन विलियमसन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कभी रिटायरमेंट लेने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि पिछला सप्ताह उनका शानदार रहा था और यह इस बात को दर्शा कर रहा था कि उनका करियर कितना अविश्वसनीय था।
ड्रेसिंग रूम में हमारे पास कुछ अद्भुत पल थे। यह पूरी तरह से नहीं हुआ। जाहिर है, मैदान पर प्रदर्शन से मदद मिलती, लेकिन यह उससे कहीं अधिक था। उन्होंने इस टीम के लिए ऐसी अविश्वसनीय चीजें की हैं।
अगर बात करें वैगनर के क्रिकेटर करियर की तो बता दें कि उन्होंने अपना इंटरनेशनल क्रिकेट डेब्यू साल 2012 में किया था। न्यूजीलैंड की ओर से खेले 64 टेस्ट मैचों में वेगनर ने कुल 260 विकेट झटके।
‘वैगनर को किया गया संन्यास लेने पर मजबूर’
रॉस टेलर ने कहा कि अब समझ में आ रहा है कि वैगनर को संन्यास लेने पर मजबूर किया गया। वेगनर की प्रेस कांफ्रेंस को सुने तो पता चलता है कि वह संन्यास लेने वाला था, लेकिन अंतिम टेस्ट मैच के बाद। वह इस सीरीज के लिए उपलब्ध था, लेकिन पहले टेस्ट के लिए उसे टीम में नहीं चुना गया।