नई दिल्ली। करीना कपूर खान उन अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिन्होंने प्रेग्नेंसी को कभी सीक्रेट नहीं रखा और उस बारे में खुलकर अपने अनुभव को लोगों के साथ शेयर किया है। यहां तक कि करीना ने अपने अनुभव को एक किताब में भी संजोया है।
साल 2021 में करीना ने अपनी प्रेग्नेंसी बुक ‘करीना कपूर खान बाइबल: द अल्टीमेट मैन्युल फॉर मॉम्स टू बी’ लॉन्च की थी। इस किताब में बेबो ने तैमूर और जेह के दौरान दोनों प्रेग्नेंसी का अनुभव बताया है। हालांकि, तीन साल बाद करीना इसी किताब के चक्कर में कानून पचड़े में फंस गई हैं।
कानूनी पचड़े में करीना कपूर
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, करीना कपूर को अपनी प्रेग्नेंसी बुक के लिए लीगल नोटिस मिला है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकल-न्यायाधीश पीठ ने करीना और बुक सेलर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने की वकील क्रिस्टोफर एंथोनी की याचिका पर नोटिस जारी किया।
इस शब्द के लिए खड़ा हुआ बवाल
‘जब वी मेट’ एक्ट्रेस को नोटिस भेजने का सबसे बड़ा कारण प्रेग्नेंसी बुक का टाइटल ‘बाइबिल’ लिखना है। कोर्ट ने एक्ट्रेस से किताब में ‘बाइबिल’ शब्द का इस्तेमाल करने के पीछे के कारण के बारे में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता द्वारा किताब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग के बाद पब्लिशर्स को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
मध्य प्रदेश के जबलपुर के सोशल वर्कर क्रिस्टोफर एंथोनी का कहना है कि किताब के टाइटल में ‘बाइबिल’ शब्द का इस्तेमाल ईसाई समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। याचिका दायर करने वाले शख्स ने कहा, “बाइबिल दुनिया भर में ईसाई धर्म की पवित्र किताब है और करीना कपूर खान की प्रेग्नेंसी की तुलना बाइबिल से करना गलत है।”
पुलिस और निचली अदालत ने नहीं सुनी बात
करीना कपूर के खिलाफ पहले भी ‘बाइबिल’ शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई गई थी। याचिका दायर करने वाला शख्स पहले पुलिस के पास करीना के खिलाफ FIR करने के लिए गया था, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। फिर शख्स में निचली अदालत में याचिका दायर की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। अब हाई कोर्ट ने करीना से जवाब मांगा है।