अविलम्ब बकाया वेतन भुगतान करने की मांग की
वेतन शीघ्र भुगतान नहीं तो आंदोलन के लिए होंगे बाध्य
बलिया। सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान अब तक न होने को लेकर उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की जनपदीय इकाई के आह्वान पर सोमवार को शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया।
बता दे कि मार्च माह के वेतन को लेकर 12 अप्रैल को सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन दिया था। जिसमें वेतन की मांग की थी। साथ ही कहा था कि यदि वेतन मिलने में और अधिक विलम्ब हुआ तो 18 अप्रैल से लेखाधिकारी कार्यालय पर प्रतिदिन एक घण्टा धरना देंगे। उसके पहले विद्यालयों पर काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराएंगे। उसी क्रम में शिक्षकों ने सोमवार की सुबह विद्यालय खुलते ही काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य शुरू किया। शिक्षकों का कहना है कि वेतन में विलम्ब से उन्हें उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील पाण्डेय “कान्हाजी” ने विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई जनपदों का माह मार्च का वेतन भुगतान हो चुका है और होने की प्रक्रिया में हैं। जबकि बलिया में हम लोगों को बताया जा रहा है कि समस्या पूरे प्रदेश में हैं और कोई तथ्यात्मक सूचना भी हम लोगों को विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है जिससे बाध्य होकर उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने हेतु प्रतीकात्मक विरोध का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। आगे अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं होता हैं तो हम विरोध के अन्य रास्ते अपनाने पर भी मजबूर होंगे। जिसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी विभाग की होगी।विरोध प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष अशोक केशरी, मंत्री अनूप सिंह, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण यादव, राजकुमार सिंह, सुधीर उपाध्याय, उपाध्यक्ष रामप्रताप सिंह,अमित सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, प्रअ बैकुंठ नाथ पाण्डेय,पंकज राय,अरूण चौबे, राजेश सिंह,अंशु सिंह,सूर्य प्रकाश ओझा, शक्ति सिंह, पुष्पराज सिंह,राजेन्द्र यादव नरेंद्र कुंवर, निर्भय शंकर राय,दिनेश तिवारी,धीरज सिंह,अनिल उपाध्याय, शशांक शेखर सिंह, दिलीप सिंह,भगवानजी चौबे, विदेशी यादव, श्याम नारायन यादव, अभिषेक पाण्डेय श्रीमती रेनू वर्मा ,विपिन सिंह, दीना नाथ पाल, मु. नदीम, राकेश सिंह, दिलीप सिंह,नारायन दत्त तिवारी आदि रहे।