संघ प्रमुख भागवत से देवरहा बाबा बोले ‘कैलाश मानसरोवर फिर से मिलेगा वापस, ऐसी बन रही स्थितियां’

त्रिकालदर्शी देवरहा हंस बाबा ने संघ प्रमुख डॉ. भागवत को संगठित होकर रहने की दी शिक्षा

दो दिवसीय दौरे पर मीरजापुर आए भागवत ने रामदूत हनुमानजी को चढ़ाया 51 मन लड्डू

देवरहा हंस बाबा का लिया आशीर्वाद, मां विंध्यवासिनी से अखंड भारत की कामना कर प्रस्थान कर गए भागवत

मीरजापुर। विंध्याचल महुआरी स्थित आश्रम में त्रिकालदर्शी देवरहा हंस बाबा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत को संगठित होकर रहने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि भारत में एक होकर रहना है। भारत का ही होकर रहना है।

उन्होंने कहा कि जिसने भाई-भाई कहकर देश के साथ छल किया और भाई-भाई कहकर देश पर चढ़ाई कर दी, उसको उसके किए का फल जरूर मिलेगा। भगवान शंकर जब प्रसन्न होंगे तो कैलाश मानसरोवर फिर से वापस मिलेगा। ऐसी स्थितियां बन रही हैं। उन्होंने कहा कि आज भी मानसरोवर के चारों तरफ सिद्ध पुरुष गुफाओं में विचरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु है, शीघ्र ही इसका लोगों को प्रमाण मिलेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को मीरजापुर आए थे और मंगलवार को आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर उनसे अखंड भारत की कामना कर प्रस्थान कर गए।

डॉ. भागवत ने देवरहा आश्रम पर रामदूत हनुमान को 51 मन लड्डू का भोग लगाकर दर्शन-पूजन किया। साथ ही देवरहा हंस बाबा का आशीर्वाद लिया और कैलाश मानसरोवर को भारत में मिलाने को लेकर हवन-पूजन भी किया। श्रीधाम वृंदावन के आचार्य मयंक, पंकज व विंध्याचल के एक आचार्य ने संघ प्रमुख को पूजन कराया।

आश्रम के ट्रस्टी अतुल सक्सेना ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कैलाश मानसरोवर भारत में मिले, इसके लिए पांचवीं बार संकल्प के साथ त्रिकालदर्शी देवरहा हंस बाबा का आशीर्वाद लिया। मंगलवार को सुबह देवरहा हंस बाबा के सत्संग में शामिल हुए और बाबा से आशीर्वाद लेने के बाद पौधरोपण किया, फिर मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने विंध्यधाम पहुंचे। मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर को निहारा, फिर वाराणसी प्रस्थान कर गए।

सुरक्षा के लिहाज से छावनी में तब्दील था आश्रम
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद दिखा और तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आश्रम को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे।

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