जेल में दिया जा रहा धीमा जहर, मुख्तार अंसारी ने लगाया आरोप

बाराबंकी। एंबुलेंस के फर्जी पंजीकरण से संबंधित गैंगस्टर में मुकदमे में गुरुवार को मुख्तार अंसारी एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। अपने वकील के माध्यम से जज कमलकांत श्रीवास्तव को प्रार्थना पत्र देकर उसने बांदा जेल में जान का खतरा बताया।

अधिवक्ता ने जज को सौंपा प्रार्थना पत्र
अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने मुख्तार की ओर से जज को प्रार्थना पत्र सौंपा। इसमें लिखा है कि 19 मार्च 2024 को उसे (मुख्तार अंसारी को) जो भोजन दिया गया उसमें कोई विषाक्त पदार्थ था, जिसके खाने से वह गंभीर रूप से बीमार हो गया। हाथ-पैर की नसों में बहुत दर्द है। हाथ-पैर ठंडे पड़ रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे मृत्यु हो जाएगी। घबराहट हो रही है।

इलाज कराने की मांग
प्रार्थना पत्र में लिखा गया है कि 40 दिन पहले खाने में किसी प्रकार का कोई धीमा जहर दिया गया, जिसके चलते खाना चखने वाले जेल स्टाफ की भी तबीयत खराब हो गई थी। बांदा कारागार में जान का खतरा हो गया है। कोई भी अनहोनी हो सकती है। 19 मार्च को फिर खाने में जहर दिया जाना किसी साजिश का हिस्सा है। इसलिए मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर इलाज कराया जाए। बांदा जेल के डिप्टी जेलर ने पेश होकर मुख्तार के बीमार होने की जानकारी दी।

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