गांधीवादी राजनाथ शर्मा को मिला जे.पी सेनानी अवार्ड

संपूर्ण क्रांति आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर राज्यपाल ने किया सम्मानित

बाराबंकी। जनपद के प्रख्यात गांधीवादी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी राजनाथ शर्मा को जे.पी सेनानी अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संपूर्ण क्रांति आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दिया। यह आयोजन लोकनायक जय प्रकाश अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष अभय सिन्हा हर वर्ष नई दिल्ली में पारंपरिक तरीके आयोजित करते हैं। अपने उद्घाटन भाषण में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जेपी को देश के नव निर्माण के महान योद्धा की संज्ञा दी और कहा कि आज उन्हीं के संघर्ष का प्रतिफल है कि देश में लोकतंत्र जीवित है और हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। इस सबके लिए सत्तर के दशक में देश के नव निर्माण आंदोलन में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। उनका देश की आजादी और बाद में उसके स्थायित्व के लिए उनका संघर्ष देश के इतिहास में अंकित रहेगा। जेपी ने नैतिक राजनीति की हमेशा वकालत की। आज आधी सदी के बाद इस पर विचार करना समय की मांग है और बेहद जरूरी भी है। कार्यक्रम में शामिल रहे गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि आज संपूर्ण क्रांति को आधी सदी का समय बीत चुका है। उस आंदोलन के सभी चरणों में मैं सम्मिलित रहा। इस दौरान मुझे भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, समाजवादी नेता राज नारायण के साथ नैनी कारागार में बंदी बनाया गया। 26 जून को देश में आपातकाल लगाने के बाद मेरी गिरफ्तारी हुई और मैं 18 माह जेल में राजनैतिक बंदी रहा। इस दौरान मैंने जेल की यातना भी झेली। हकीकत तो यह है कि गुजरात से शुरू हुआ आंदोलन बाद में पूरे देश में फैल गया और उसके बाद देश से तानाशाह सरकार की विदाई हुई। समारोह में सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल रहे देश के प्रमुख सेनानियों को जेपी सेनानी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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