साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर, रविवार के दिन लगने जा रहा है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य होगा।
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब एक बार सभी देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो अंत में मंथन द्वारा अमृत निकला। देवताओं को अमृत पान कराने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार धारण किया था। मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु देवताओं को अमृत पिला ही रही थे कि राहु नाम का राक्षस भी देवताओं का वेश धारण कर उनके बीच में बैठ गया। जिस कारण मोहिनी ने राहु को देवता समझकर अमृत पिला दिया।
इस बीच सूर्य और चंद्र राहु को पहचान गए। उन्होंने ये बात विष्णु जी को बताई। इस पर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहु के अमृत पीने के कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई। लेकिन सुदर्शन चक्र के प्रहार से उसका शरीर दो हिस्सों में बट गया। जिसमे से सिर को राहु और धड़ को केतु कहा जाता है।
इसलिए लगता है चंद्र ग्रहण
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने का संबंध इसी कथा से जुड़ा है। क्योंकि सूर्य और चंद्र ने ही राहु के बारे में विष्णु जी को बताया था, इसलिए सूर्य और चंद्र से शत्रुता का भाव रखता है। और इसी के कारण सूर्य और चंद्र को समय-समय पर ग्रसता है यानी निगल लेता है। इसे ही ग्रहण के नाम से जाना जाता है।