सुरक्षित नहीं है स्कूली वाहनों में मासूम बच्चे,फिर भी चेत नहीं रहे जिम्मेदार।

महोली (सीतापुर)| यूं तो हादसे होने के बहुत से कारण हो सकते हैं परन्तु यदि हादसा संबंधित विभाग व नियम पालन करने वाले अधिकारियों की लापरवाही से हो तो यह बात स्वच्छ प्रशासन पर गंभीर दाग होगा क्योंकि महोली क्षेत्र में संचालित हो रहे विद्यालयों में चलने वाले अनफिट वाहनों पर अधिकारियों की नजर नहीं है। स्कूल संचालक अभिभावकों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी बेहतर सुविधा नहीं दे रहे हैं। इसमें परिवहन व्यवस्था प्रमुख है क्योंकि स्थानीय स्कूलों में चलने वाली अधिकांश स्कूली वाहन अनफिट है जिसे मासूमों को लाने और ले जाने में प्रयोग किया जाता है।
हैरानी की बात यह है कि संबंधित विभाग व पुलिस की नजर भी इन पर नहीं पड़ती है। जब भी कोई हादसा होता है तो संबंधित स्कूल प्रबंधक व प्रशासन कुछ भी बहाना बनाकर अपना आरोप दूसरे पर मढ़कर मामले को शांत कर देता है।
जानकारी हो कि महोली क्षेत्र में संचालित विद्यालयों में संचालित हो रही स्कूल वनों में कुछ वाहनों को छोड़कर अधिकांश वाहन अनफिट है जो परिवहन व पुलिस के नियमों पर कहीं भी फिट नजर नहीं आते हैं जो कभी भी गंभीर हादसे का सबक बन सकते हैं परन्तु इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। जबकि स्कूल वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन ( सिविल) 13029/1985 एम०सी०मेहता बनाम यूनियन बैंक आफ इंडिया और अन्य में पारित निर्णय दिनांक 16- 12 -1997 में वर्णित प्रावधानों का शक्ति से अनुपालन करने का प्रावधान पुलिस विभाग द्वारा किया जाना आवश्यक सुनिश्चित किया गया है। तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी बच्चों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते रहते हैं।

इन नियमों के तहत जारी दिशा निर्देश इस प्रकार हैं। 1-प्रत्येक स्कूली वाहन के लिए सक्षम अधिकारी से समुचित परमिट प्राप्त होना आवश्यक होना चाहिए।2-प्रत्येक स्कूल वाहन के आगे पीछे एवं On School duty अवश्य लिखा होना चाहिए।3-किसी भी स्कूली वाहन में निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाया जाए और किसी बच्चे को किसी अन्य बच्चों के की गोद में न बैठाया जाए।4-प्रत्येक स्कूली वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर व चालक का नाम, पता ,ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर व मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए।4-प्रत्येक स्कूली वाहन पर परिवहन विभाग / पुलिस विभाग का हेल्पलाइन नंबर अवश्य अंकित किया जाए।5-ऐसे प्रत्येक वाहन जिसमें स्कूली बच्चे ले जाए जाते हैं उनके चालक को उस प्रकार के वाहनों को चलाने का न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए तथा उनके विरुद्ध पूर्व में कोई यातायात संबंधित अपराध का रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। परंतु यहां तो इन नियमों के तहत एक भी वाहन नजर नहीं आते फिर भी जिम्मेदार प्रशासन व पुलिस विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है जो संभवत किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

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