सूरतगंज बाराबंकी। ब्लॉक क्षेत्र के बैशन पुरवा गांव में आयोजित नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा के चौथे दिन कथा व्यास जवाहरलाल मिश्रा ने गृहस्थ जीवन प्रकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गृहस्थ एक तपोवन है। संयम सेवा आदि के द्वारा जीवन में प्रखरता आती है। उन्होंने कहा कि दहेज न मांगना कन्याओं के प्रति सच्चा सम्मान है। नवरात्रि में कन्या भोज ही पर्याप्त नहीं। नर और नारी दोनों में समान बुद्धि होती है। नारियों के प्रति हीन दृष्टिकोण उचित नहीं।युग गायक बलराज सिंह ने ‘लाखों घर बर्बाद हो गये इस दहेज की होली में’ गीत गाकर जन समुदाय को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर आनंद कुमार त्रिपाठी,बृजेश सिंह, महेश शर्मा, जितेन्द्र सिंह, राम सेवक, बाबूराम मिश्र, शोभाराम, कमलाकांत पाण्डेय, शिवशंकर मिश्र, जगदीश वर्मा, राम सेवक, जगदीश चतुर्वेदी, अखंड प्रताप सिंह, हिमांशु, रामवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।