इजरायल और हमास के बीच पिछले दो दिनों से एक भी गोली नहीं चली है. इसकी वजह ये है कि गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों और इजरायल की जेलों में बंद फिलिस्तीनियों की अदला-बदली को लेकर दोनों में समझौता हुआ है. इसके तहत चार दिनों तक शांति समझौते पर बात बनी है. आज यानी रविवार (26 नवंबर) समझौते के तहत तीसरा दिन है. शुक्रवार और शनिवार को बंधकों और जेल में बंद कैदियों की रिहाई हुई है.
हमास ने अब तक बंधकों के दो ग्रुप को रिहा किया है. इसमें से पहले ग्रुप में 24 लोगों की रिहाई हुई, जिसमें 13 इजरायल के नागरिक थे. बाकी के 11 नागरिक विदेशी थी. ठीक इसी तरह से शनिवार को भी गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों को रिहा किया गया है. इजरायल ने भी शर्तों को पूरा करते हुए फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है. ऐसे में इस बात की उम्मीद जग रही है कि अब युद्ध रुक सकता है. आइए इजरायल-हमास जंग से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स जानते हैं.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों ने छह फिलिस्तीनियों की हत्या की है. चार फिलिस्तीनी जेनिन में हुई कार्रवाई में मारे गए हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद वेस्ट बैंक में हुई कार्रवाई में 229 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें 52 बच्चे भी शामिल हैं.
हमास ने शनिवार को बंधकों को रिहा करने में देरी भी की. इसकी वजह कैदियों और गाजा को मिलने वाली मदद रही. हालांकि, जल्द ही इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया. विवाद सुलझने के साथ ही हमास के कैद से बंधकों की रिहाई मुमकिन हो पाई.
हमास ने बंधकों के दूसरे बैच में 17 लोगों को रिहा किया है, जिसमें 13 इजरायली और चार थाईलैंड के लोग हैं. इन सभी लोगों को हमास ने 7 अक्टूबर को अंजाम दिए गए हमले के बाद बंधक बना लिया था. सभी बंधकों को गाजा पट्टी में लेकर जाया गया था.
कतर को उम्मीद है कि वह इजरायल और हमास के बीच करवाए गए चार दिनों के समझौते को आगे बढ़वा सकता है. कतर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीएनएन से कहा कि चार दिनों के समझौते के तहत बंधकों की रिहाई के समय को बढ़ाया जा सके, ताकि बाकी के बंधकों को भी रिहा करवाया जा सके.
इजरायल ने अपनी जेलों से 39 फिलिस्तीनियों को रिहा किया है, जिसमें से 33 किशोर और छह महिलाएं हैं. इन लोगों के स्वागत के लिए वेस्ट बैंक में हजारों लोगों की भीड़ जुटी है. रामाल्लाह में अल-बिरेह बिल्डिंग के बाहर हजारों की संख्या में लोग खड़े हुए दिखाई दिए.
इजरायली सेना ने कहा है कि इसने अभी भी गाजा के अल-शिफा अस्पताल के डायरेक्टर डॉ मोहम्मद अबु साल्मिया को हिरासत में लिया हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि हिरासत में लिए गए कर्मचारियों के साथ अच्छा सलूक होना चाहिए.
फिलिस्तीन रेड क्रेसेंट सोसाइटी ने कहा है कि इसने मिस्र के रेड क्रेसेंट के जरिए मिले 187 ट्रकों को गाजा की ओर रवाना किया है. इसमें खाना, पानी, दवाएं और इमरजेंसी मेडिकल सप्लाई मौजूद हैं. इससे पहले गाजा सिटी और उसके आस-पास के इलाकों के लिए 180 ट्रक भेजे गए थे.
अमेरिका के रक्षा मंत्रा लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से बात की है. उन्होंने इस बात की सराहना की कि इजरायल, कतर और मिस्र की सरकारों की बदौलत शांति समझौता हो पाया. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गाजा में मानवीय मदद को बढ़ाना चाहिए.
हमास की कैद में अभी भी 200 के करीब बंधकों के होने की बात कही जा रही है. हमास ने इन्हें गाजा पट्टी में बनाए गए सुरंगों के भीतर छिपाया हुआ है, ताकि इजरायली सेना की जमीनी कार्रवाई के दौरान भी इन्हें ढूंढा नहीं जा सके. इन बंधकों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
फिलिस्तीनी रेड क्रेसेंट ने कहा है कि वेस्ट बैंक के जेनिन सरकारी अस्पताल और इब्न सिना अस्पताल पर इजरायली सेना ने कब्जा कर लिया है. इसका कहना है कि सेना इमरजेंसी मेडिकल सर्विस टीम को काम नहीं करने दे रही है. घायलों के इलाज से मेडिकलकर्मियों को रोका जा रहा है.