मेरठ। शताब्दीनगर स्टेशन पर सुभाष होटल के सामने हादसे में स्कूटी सवार 22 वर्षीय ऋतिक की जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शी टीएसआइ श्योराज सिंह के अनुसार शाम को पांच बजे वाहनों की संख्या बढ़ रही थी। शताब्दीनगर स्टेशन के नीचे से वाहन बड़ी संख्या में गुजर रहे थे। परतापुर की तरफ से करीब 20 किमी प्रति घंटे की गति से युवक स्कूटी पर सवार होकर शहर की तरफ जा रहा था। संयोग था कि उसके आगे और पीछे 10 फीट दूरी पर कोई वाहन नहीं था, जबकि उसके बराबर में वाहन चल रहे थे।
अचानक हवा में लहराता हुआ एक लोहे का फ्रेम स्टेशन के ऊपर से दिल्ली रोड पर गिरा। ऋतिक की स्कूटी का आधा हिस्सा आगे निकल गया, जबकि ऋतिक के सिर के पिछले हिस्से पर फ्रेम गिर गया। स्कूटी के स्टेयरिंग से हाथ छूटे और युवक नीचे गिर गया। लोहे का फ्रेम सिर में पीछे लगने से वह लहूलुहान हो गया। यह भयावह दृश्य देख वहां से गुजर रहे वाहन चालकों ने ब्रेक लगा दिए। उसके बाद पुलिस और आसपास के लोग मौके की तरफ दौड़े। बाइक पर बैठाकर ऋतिक को अस्पताल ले जाया गया।
एनसीआरटीसी कंपनी और यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मुकदमा
सेल्समैन ऋतिक की मौत के बाद उसके जीजा विजय शर्मा की तरफ से एनसीआरटीसी और यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ तहरीर दी गई है। इसमें यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजर मोहन लाल की बड़ी लापरवाही बताई गई है। बताया गया है कि सभी नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा था। बिना रास्ता रोके और जाल बांधे निर्माण कार्य हो रहा था। थाना प्रभारी जयकरण के अनुसार एनसीआरटीसी कंपनी और यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
मुआवजे की मांग को लेकर थाने पर हंगामा
ऋतिक के स्वजन रात नौ बजे परतापुर थाने पहुंच गए थे। उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि पहले एनसीआरटीसी मुआवजा दे। जो कंपनी की तरफ से घोषणा की गई है, वह काफी कम है। उन्होंने कंपनी से मुआवजा और ऋतिक के बड़े भाई को नौकरी दिलाने की मांग को लेकर थाने पर हंगामा किया। हालांकि थाना प्रभारी ने मृतक के स्वजन को समझाकर शांत किया।