नई दिल्ली। आइपीएल का 17वें सत्र की शुरुआत शुक्रवार से होगी। पिछले 16 वर्षों में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स पांच-पांच बार ट्राफी जीतकर टूर्नामेंट की सबसे सफल टीमें हैं।
लेकिन तीन टीमें ऐसी हैं, जो लीग में 2008 की शुरुआत से ही जुड़ी हैं, लेकिन एक बार भी ट्राफी उनके हाथ नहीं आ पाई है। आरसीबी, पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स को अब तक अपनी पहली ट्राफी का इंतजार है। तीनों ही टीमें फाइनल तक जरूर पहुंची, लेकिन चैंपियन नहीं बन पाईं।
क्या इस बार बदलेगी आरसीबी की किस्मत
तीन दिन पहले ही डब्ल्यूपीएल का खिताब जीत चुकी आरसीबी फ्रेंचाइजी अब आइपीएल में खिताबी सूखा खत्म करने के इरादे से उतरेगी। आरसीबी इकलौती ऐसी टीम है, जो तीन बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद एक भी बार ट्राफी नहीं जीत पाई है।
आरसीबी के पास टी-20 प्रारूप के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शामिल विराट कोहली, क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी होने के बावजूद उसे खिताब का इंतजार रहा। 2009 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए टूर्नामेंट में टीम पहली बार फाइनल में पहुंची, लेकिन डेक्कन चार्जर्स से उसे हार मिली। इसके बाद 2011 और 2016 में भी टीम ने खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया, लेकिन दोनों बार ट्राफी उसके हाथ से फिसल गई। पिछले साल टीम ने पांचवें स्थान पर रहकर अभियान समाप्त किया था।
विराट कोहली 2008 से आरसीबी के लिए खेल रहे हैं और उसके सबसे बड़े मैच विनर हैं। कोहली के अलावा ग्लेन मैक्सवेल, कप्तान फाफ डु प्लेसिस जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं। गेंदबाजी इस टीम का हमेशा ही कमजोर पक्ष रहा है, लेकिन इस बार हुई मिनी नीलामी में टीम ने मैच विजेता गेंदबाजों पर दांव लगाया।
मोहम्मद सिराज का साथ देने के लिए अल्जारी जोसेफ, लाकी फग्र्युसन और टाम कुर्रन और यश दयाल टीम में है। वहीं, आरसीबी ने मुंबई से आस्ट्रेलियाई आलराउंडर कैमरन ग्रीन को ट्रेड किया, जो उसके लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।
पंत की वापसी से दिल्ली को मिलेगी मजबूती
रिकी पोंटिंग के कोच बनने के बाद दिल्ली की टीम 2019 से लगातार तीन बार प्लेआफ में पहुंची। 2020 में टीम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई, लेकिन मुंबई के हाथों उसे हार झेलनी पड़ी। 2021 में 14 में से 10 मुकाबले जीतकर अंक तालिका में शीर्ष पर रही, लेकिन बदकिस्मती से फाइनल में नहीं पहुंच सकी। लेकिन पिछले सत्र में टीम का प्रदर्शन बेहद औसत रहा था।
नौवें स्थान पर रहने वाली दिल्ली कैपिटल्स एक बार फिर रिषभ पंत की कप्तानी में दम दिखाने उतरेगी। दिल्ली कैपिटल्स ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कप्तान के रूप में पंत के नाम की घोषणा की। टीम के सहमालिक पार्थ जिंदल ने कहा, हमें कप्तान के रूप में रिषभ का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है।
मैं उनकी कप्तानी में टीम को खेलते देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि हम नए जोश और उत्साह के साथ नए सत्र का स्वागत कर रहे हैं। पंत पिछले वर्ष कार हादसे के कारण आइपीएल में नहीं खेल पाए थे। बाएं हाथ के इस विकेटकीपर-बल्लेबाज की मौजूदगी से निश्चित रूप से टीम को मजबूती मिलेगी। इस बार दिल्ली ने कई युवाओं को टीम में शामिल किया है।
भारतीय अनकैप्ड खिलाड़ियों में कुमार कुशाग्र, सुमित कुमार, स्वास्तिक चिकारा पर टीम ने दांव लगाया है। वहीं इस बार ट्रिस्टन स्टब्स और साई होप जैसे विदेशी खिलाड़ी भी टीम में है। कागजों पर टीम काफी संतुलित दिख रही है, लेकिन अगर टीम मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसमें ट्राफी जीतने का दम है।
पंजाब को शिखर पर लेकर जाएंगे धवन
अभिनेत्री प्रीति जिंटा के सहमालिकाना हक वाली पंजाब की टीम 2008, 2010 में प्लेऑफ में पहुंची, जबकि 2014 में उपविजेता रही। हालांकि इन तीन सत्रों को छोड़ दें तो आइपीएल में टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। हर नीलामी में पूरी टीम बदलने की रणनीति पंजाब पर भारी पड़ी है।
यह एक ऐसी टीम है, जिसने खिलाड़ियों का कोर ग्रुप नहीं बनाया। टीम प्रबंधन हर साल खराब प्रदर्शन के बाद कोच के साथ कप्तान की भी छुट्टी कर देता है। युवराज सिंह, एडम गिलक्रिस्ट, वीरेंद्र सहवाग, जार्ज बेली, मयंक अग्रवाल, केएल राहुल जैसे दिग्गजों को टीम ने कप्तानी सौंपी, लेकिन कोई भी उसे खिताब नहीं दिला सका।
पिछले सत्र में शिखर धवन की कप्तानी में टीम आठवें स्थान पर रही थी। अब टीम एक बार फिर कप्तान धवन की अगुआई में शिखर पर पहुंचने उतरेगी। टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत है और इस बार जानी बेयरस्टो पूरा सत्र खेलेंगे, ये उसके लिए अच्छी खबर है। टीम की गेंदबाजी उसका मजबूत पक्ष है। अर्शदीप सिंह, कैगिसो रबादा, नाथन एलिस जैसे तेज गेंदबाज हैं, तो राहुल चाहर और हरप्रीत बरार जैसे युवा स्पिनर हैं।