लखीमपुर-खीरी: जिला समाज कल्याण विभाग का अजब-गजब हाल है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 14, 16 व 20 दिसंबर 2023 को कुल 1003 गरीब बेटियों की शादी कराने के बाद उनकी पात्रता की जांच कराई जा रही है।
जांच इस बात की कराई जा रही है कि कहीं उनकी शादी पहले तो नहीं हो चुकी है, दूल्हा-दुल्हन क्रमशः 21 एवं 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं या नहीं। शादी कराने से पहले अधिकारियों को जिन बिंदुओं की जांच प्रक्रिया पहले पूरी कर लेनी चाहिए थी, वह शादी के बाद अपनाई गई। इस कारण गरीब बेटियों के बैंक खाते में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली 35 हजार रुपये की रकम शादी के एक पखवाड़े बीतने के बाद भी नहीं मिल पाई है।
जनपद में वर्ष 2023-24 में 14 दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच 1003 गरीब बेटियों की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत कराई जा चुकी है। शासन की तरफ से एक बेटी की शादी पर 51 हजार रुपये खर्च किया जा रहा है।
इस बजट में बेटी को शादी के समय 10 हजार रुपये का उपहार देने के साथ ही छह हजार रुपये शादी का खर्च काट लिया जाता है। शासन का निर्देश है कि शेष 35 हजार रुपये बेटी की शादी के एक-दो दिन में उसके खाते में भेज दिया जाए, लेकिन जिले में अलग-अलग तीन तिथियों में शादियां कराने के बाद अधिकारी इस बात की जांच करा रहे हैं कि शादी पात्रों की हुई है या नहीं। इस कारण 1003 में से एक भी लाभार्थी को 35 हजार की धनराशि नहीं मिल सकी है। इससे परेशान होकर लाभार्थी ब्लॉकों में अधिकारियों के चक्कर लगाने को विवश हो रहे हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर का कहना है कि लक्ष्य 2041 के सापेक्ष दिसंबर माह में 1003 गरीब बेटियों की शादी कराई गई है। 35 हजार रुपये प्रत्येक बेटी के खाते में भेजने के लिए प्रक्रिया चल रही है