- जिलाधिकारी के आदेश का नगर पंचायतों के अधिकारी नहीं कर रहे पालन
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
मौजूदा समय में पड़ रहा घना कोहरा और सड़कों पर घूमते आवारा मवेशी वाहन चालकों व राहगीरों के लिए काल साबित हो रहे हैं। यह समस्या चन्द्रिका देवी रोड, अस्ती रोड, बीकेटी कस्बा तथा एनएच 24 सीतापुर रोड पर दिखाई देती है।मौजूदा समय में सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा बढ़ गया है।आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। पशुओं के स्वच्छंद विचरण से आवागमन बाधित होने के साथ राहगीरों को आने-जाने में जानवरों का भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। सबसे ज्यादा परेशानी साप्ताहिक बाजार के दिन होती है जब ये आवारा पशु बाजार में घुसकर अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं और इन्हें भगाने की कोशिश में कई लोग घायल हो जाते हैं। इसके अलावा एनएच 24 सीतापुर रोड तथा इटौंजा से कुर्सी रोड में मवेशियों के कारण लोग सीधा से ड्राइव ही नहीं कर सकते।शहर से लेकर चौक-चौराहों व गलियों में अन्ना पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है।
नगर पंचायतों के अधिकारी भूले अभियान
यातायात व्यवस्था बनाने के लिए जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने 07 नवंबर को अधिकारियों को आवारा मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी के आदेश का नगर पंचायतों के अधिकारियों ने एक दिन भी पालन नहीं किया।आवारा मवेशियों को पकड़ने की मुहिम दम तोड़ गई। क्षेत्र में हर चौक-चौराहों पर आवारा मवेशियों का झुंड देखा जा सकता है। सीतापुर रोड एनएच 24 पर जगह-जगह सड़क के बीचों-बीच मवेशी एकत्र रहते हैं। ऐसे में ये कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। मवेशियों के अचानक सामने आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और फिर दुर्घटना होते देर नहीं लगती।
पशु मालिक बेपरवाह
एनएच 24 सीतापुर रोड तथा ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर मवेशियों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं। मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे मवेशियों से उनका कोई नाता न हो।