पुलिस और वनविभाग की सरपरस्ती में होता है खेल, कथित लोग है संलित
हैदरगढ़ बाराबंकी। वन क्षेत्र अन्तर्गत प्रतिबंधित पेड़ों की कटान थमने का नाम नही ले रहा है। वन माफिया पुलिस और वन विभाग से सांठ-गांठ कर क्षेत्र में हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों का सफाया कर रहे है। यही नही क्षेत्र में कुछ कथित लोग भी इस गोरखधंधे में संलिप्त है, जो चंद पैसो की खातिर धरा से हरियाली का सफाया करवा है, ऐसे लोग सुबह शाम बाइको से क्षेत्र का भ्रमण कर कटान पकड़ते है और फिर उच्चाधिकारी से चुंगली ना करने की एवज में वन माफिया से मोटी रकम वसूल करते है। जिम्मेदार उच्चाधिकारी यदि समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया तो आने वाले कुछ वर्षो में अधिकांश पेड़ो की प्रजातियां विलुप्त हो जाएगी और इसका जिक्र सिर्फ वनस्पति विज्ञान के पन्नो में किया जाएगा। गौरतलब हो कि प्रतिवंधित पेड़ो की कटान के मामले में नई सड़क कस्बा वन माफियाओं का गढ़ माना जाता है। वन क्षेत्र हरख में आने वाले इस कस्बे के आस-पास जितनी भी आरा मशीने दिन रात गरजती है सभी मशीनो पर सिर्फ दो नम्बर लकड़ी की चिराई खुलेआम होती है। महकमा सब कुछ जानते हुए भी मूक बना हुआ है। चर्चा है कि इस क्षेत्र में निवास करने वाले वनमाफियाओं की हुक्मरानों में अच्छी पैठ है। यही वजह है कि माफिया अपने क्षेत्र में धडल्ले से प्रतिबंधित पेड़ो की कटान तो करते ही है साथ में आस पास के क्षेत्रो में घुस कर हलका पुलिस और वन विभाग को साध कर धडल्ले से पेड़ो की कटान करते है और चंद घंटो में विशाल से विशालकाय पेड़ को काटकर पिकप पर लाद कर फर्राटा भरकर निकल जाते है। यहां के माफिया तहसील हैदरगढ़, रामसनेहीघाट के अलावा जैदपुर, देवीगंज, सुबेहा, हैदरगढ़, चौबीसी, सरायगोपी, बहुता, लाही बार्डर, त्रिवेदीगंज भिलवल आदि क्षेत्रो में डंके की चोट पर कटान करवाते है और चंद घंटो में लकड़ी लादकर लोगों की नजरो से ओझल हो जाते है यही नही कटान की किसी को जानकारी ना हो इसके लिए ठूठ पर गीली मिट्टी का लेपन कर अथवा खर पतवार से जला देते है। वही इस मामले में वन विभाग के उच्चाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका।
चोरी से काटकर उठा ले गए दो पेड़
त्रिवेदीगंज क्षेत्र के शाहपुर सिद्ववी गांव निवासी मोहम्मद लतीफ पुत्र शरीफ उपजिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना-पत्र में बताया है कि बीते कई माह पूर्व दहिला गांव में जल जीवन मिशन में बाधक बन रहें पांच पेड़ क्रमशः तीन पेड़ नीम, एक पेड़ आम व एक कैथा का पेड़ नीलामी प्रक्रिया कर 12 हजार रूपए में लिया था जिसका समस्त कागजात व साक्ष्य पीडिक्ष्त के पास मौजूद है। पीडित ने आरोप लगाया है कि रूकनापुर गांव निवासी कमलेश बिना किसी से बताए चोरी से एक कैथा और एक नीम चोरी से काटकर उठा ले गए। शुक्रवार को जब लतीफ पेड़ देखने गया तो वहां दो पेड़ गायब थे जिसके बाद पीड़ित उपजिलाधिकारी को लिखित शिकायती पत्र देकर कानूनी कार्यवाही करने व विक्रय किए गए पेड़ो पैसा वापस दिलाए जाने की मांग किया है।