अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्थाओं ने ली 1128 करोड़ रुपए की स्वीकृति

काठमाडू। नेपाल में विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए सात अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) ने अपने सालाना बजट के लिए सरकार से 1128 करोड़ रुपए की स्वीकृति ली है। सरकार के समाज कल्याण परिषद ने इन एनजीओ को विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों पर यह रकम खर्च करने की स्वीकृति दी है। खास बात यह है कि इन विदेशी संस्थाओं के खिलाफ व्यापक स्तर पर ईसाई धर्मांतरण में शामिल होने की शिकायतें रही हैं।

समाज कल्याण परिषद् की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक आर्थिक वर्ष 2023-24 के लिए 7 विदेशी संस्थाओं ने तीस जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों के नाम पर 1128 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कराया है। इन संस्थाओं में लुथरन वर्ल्ड रिलिफ (अमेरिका), कैथोलिक रिलिफ सर्विसेज, एडवेन्टिस्ट डेवलपमेंट एंड रिलिफ एजेन्सी (अमेरिका), वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल (अमेरिका), स्ट्रॉम फाउंडेशन (नर्वे), आईएनफ इंटरनेशनल (ऑस्ट्रेलिया) और किंडरनोथ लाइफ (जर्मनी) शामिल है। इन संस्थाओं पर सालों से नेपाल में धर्मांतरण कराने का आरोप रहा है।

समाज कल्याण परिषद के आंकड़ों के मुताबिक इन सात संस्थाओं ने नेपाल के 30 जिलों को विभिन्न सामाजिक और सेवा कार्यों के चयन किया है। इनमें सप्तरी, धनुषा, रौतहट, महोत्तरी, सर्लाही, उदयपुर, नवलपरासी (बर्दघाट सुस्ता पश्चिम), बर्दिया, कैलाली, रुपन्देही, कपिलवस्तु, काठमाडौं, सिन्धुली, कास्की, लमजुङ, गोरखा, अछाम, बझाङ, डोटी, कञ्चनपुर, सुर्खेत, सल्यान, हुम्ला, मुगु, डोल्पा, रूकुम पश्चिम, दैलेख, जाजरकोट, जुम्ला और कालीकोट शामिल है।

इन संस्थाओं ने समाज कल्याण परिषद में जिन कार्यक्रमों का उल्लेख किया है उनमें युवा उद्यमशीलता विकास परियोजना, पोषण और जल सुधार परियोजना, द इनहैंस्ड रूरल एआई प्रोजेक्ट (छोटे डेयरी किसानों के लिए), बाल कल्याण और एकीकृत विकास परियोजना प्रमुख है। इन पर बड़ी रकम खर्च की जाएगी। इसी तरह समुदाय में आधारित विपत जोखिम न्यूनीकरण परियोजना, संवाद कार्यक्रम (युवतियों की शिक्षा और सशक्तीकरण के लिए), अस्पताल परियोजना और महिला सशक्तीकरण तथा बाल अधिकार संरक्षण कार्यक्रम संचालन करने की स्वीकृति ली गई है।

समाज कल्याण परिषद के प्रवक्ता संजय कुमार मल्लिक ने बताया कि कोई भी विदेशी एनजीओ नेपाल के किसी एनजीओ के साथ मिलकर ही कार्यक्रमों का संचालन कर सकता है। धर्मांतरण के सवाल पर प्रवक्ता ने बताया कि किसी भी संस्था की तरफ से जो कागजात परिषद में जमा कराया जाता है उनमें कहीं भी धर्मांतरण का उल्लेख नहीं रहता है। लेकिन ईसाई मिशनरी एनजीओ सामाजिक और सेवा कार्यों के नाम पर क्या करते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। मल्लिक ने कहा कि हमारे पास भी इन संस्थाओं को लेकर शिकायतें आती रहती हैं और उनकी जांच भी होती है।

समाज कल्याण परिषद में जमा किए गए कागजात में भले ही धर्मांतरण की बात उल्लेख नहीं किया गया हो लेकिन इनकी वेबसाइट पर जाने के बाद जो तथ्य बाहर आए हैं वह चौंकाने वाले है। इनके वार्षिक प्रतिवेदन जो कि अपने संबंधित देशों में प्रकाशित होते हैं उनमें नेपाल में धर्मांतरण के लिए किए जाने वाले काम और उसमें खर्च होने वाले बजट का पूरा विवरण दिया रहता है। ये सभी संस्थाएं धर्मांतरण कराने को लेकर कई बार विवादों में घिर चुकी हैं। खास कर वर्ल्ड विजन नामक अमेरिकी संस्था खुलेआम धर्मांतरण का काम करती है।

परिषद के प्रवक्ता संजय मल्लिक ने बताया कि पिछले आर्थिक वर्ष में जिन 47 एनजीओ के विभिन्न कार्यक्रमों की स्वीकृति दी गई थी उनका बजट 3048 करोड़ रुपए था। इनमें ईसाई मिशनरियों से जुड़े एनजीओ की हिस्सेदारी 30.01 प्रतिशत थी। नेपाल में कुल 147 एनजीओ रजिस्टर्ड हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 47 एनजीओ ही सक्रिय होने की जानकारी समाज कल्याण परिषद के तरफ से दी गई है।

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