नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस, प्रदेश का पहला नगर निगम- नाले का पानी देगा व गंगाजल लेगा

अलीगढ़। मिनिस्ट्री ऑफ पावर और जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से यूपी के शहर अलीगढ़ में पानी की बचत के लिए अनोखा प्रयोग हो रहा है। पूरे प्रदेश में अलीगढ़ ही ऐसा जिला है, जहां नगर निगम सौ एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) नाले का पानी शोधित कर हरदुआगंज विद्युत तापीय परियोजना को देगा। इसके बदले में पीने योग्य गंगाजल शहर को मिलेगा।

विद्युत तापीय परियोजना जवां स्थित अपर गंगा कैनाल से गंगाजल लेकर उसको भाप बनाती है फिर उससे बिजली तैयार होती है। यह गंगा जल निगम लेगा और भाप बनाने के लिए शोधित पानी देगा। इससे पीने के पानी की समस्या का काफी हद तक निदान हो सकेगा। इसके लिए जल निगम ने 576 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर परियोजना के पास भेज भी दी है।

इगलास रोड पर नगर निगम का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बना है। यहां नालों का 45 एमएलडी पानी शोधित होता है। यहीं पर 65 एमएलडी का दूसरा प्लांट भी बनाने की तैयारी है। फिर यहां नालों का 110 एमएलडी पानी शोधित होगा। इससे परियोजना में लगने वाले 110 एमएलडी गंगाजल को बचाया जा सकेगा।

इस पानी से शहरी क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। अभी शहर को 121 एमएलडी पानी कम उपलब्ध हो पाता है, जिसकी पूर्ति गंगाजल के रूप में हो जाएगी। भू-जल का दोहन भी बच जाएगा। पिछले दो से तीन वर्षों में अलीगढ़ में भूजल स्तर 150 से घटकर 200 फीट तक चला गया है। इससे 5500 में से लगभग 3000 हैंडपंप खराब हो गए हैं।

ऐसे काम करेगी योजना
जल निगम इगलास रोड पर बने एसटीपी पर मेन पंपिंग स्टेशन बनाएगा। यहां से 31 किलोमीटर का राइजिंग मेन (मोटा पाइप) बिछाया जाएगा। इसका डाया 900 एमएम होगा। ये हरदुआगंज स्थित परियोजना तक जाएगा।

इसके जरिए परियोजना तक नाले का शोधित जल पहुंचेगा। मगर ये शोधित बिजली बनाने के लिए उपर्युक्त नहीं होगा। इसको थर्मल पावर प्लांट की मांग के अनुरूप और अधिक शोधित किया जाएगा। इसके लिए परियोजना परिसर में टर्टरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीटीपी) जल निगम बनाएगा। यहां नाले के पानी को बिजली बनाने लायक करके परियोजना को दिया जाएगा।

पानी लाने का प्लान
बरौला जाफराबाद बाईपास पर नगर निगम का एफएसटीपी बना है। यहां पांच एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। यहां पर जवां स्थित अपर गंगा कैनाल से गंगाजल लाकर अंडरग्राउंड वाटर टैंक में रखा जाएगा।

इसको यहां बने प्लांट में पीने योग्य करके घुुड़ियाबाग स्थित वाटर वर्क्स में लाया जाएगा। यहां से ओवरहेड टैंक में भेजकर घरों में सप्लाई की जाएगी। अभी ओवरहेड टैंक ट्यूबवेल से पानी खींचकर भरे जाते हैं।

ये है अनिवार्यता
केंद्र सरकार का कहना है कि किसी भी जिले में अगर 50 किमी के दायरे में थर्मल पावर प्लांट है तो उसको एसटीपी से पानी लेना अनिवार्य है। उसी के तहत विद्युत तापीय परियोजना हरदुआगंज ये पानी लेने और राशि खर्च करने के लिए बाध्य (बाउंड) है।

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