नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने रजिस्ट्री अधिकारियों से बुधवार को कहा कि वे अदालत के हालिया आदेश का अनुपालन करें। बता दें कि आदेश में कहा गया था कि वादियों की जाति या धर्म के उल्लेख का चलन बंद किया जाना चाहिए।
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने 10 जनवरी को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री और अन्य सभी अदालतों को निर्देश दिया था कि वे अदालती मामलों में वादियों की जाति या धर्म के उल्लेख का चलन तत्काल बंद करें।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया सर्कुलर
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा कि रजिस्ट्री के सभी संबंधित अधिकारी अदालती निर्देशों का अनुपालन करें, लिहाजा अब से इस अदालत के समक्ष दायर याचिकाओं में पक्षकारों के ब्योरे (मेमो) में पक्षकारों की जाति या धर्म का उल्लेख नहीं किया जाएगा, भले ही ऐसा कोई विवरण नीचे की अदालतों के समक्ष प्रस्तुत किया गया हो।
शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) जैसी बार संस्थाओं को भी निर्देशों का संज्ञान लेने को कहा।