कचरे के प्रबंधन के फायदे तथा घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया

  • घरेलू कचरा प्रबंधन को लेकर नगर पंचायत बीकेटी एवं आईटीसी मिशन सुनहरा कल तथा उमंग सुनहरा कल सेवा समिति की बैठक रुदही द्वितीय में संपन्न

निष्पक्ष प्रतिदिन/बीकेटी, लखनऊ

नगर पंचायत बीकेटी एवं आईटीसी मिशन सुनहरा कल तथा उमंग सुनहरा कल सेवा समिति के संयुक्त प्रयास से मंगलवार को वार्ड संख्या-17 रुदही द्वितीय में एक बैठक का आयोजन किया गया।जिसमें वार्ड के सुपरवाइजर अजय रावत ने लोगों को अपने घरों से निकलने वाले कचरे को दो भागों में देने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम के दौरान यूपी के आरसी से अर्बन कोऑर्डिनेटर सुभाष द्विवेदी के द्वारा लोगों को कचरे के प्रबंधन के फायदे तथा घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में तकनीकी माध्यम से अवगत कराया तत्पश्चात सर्वसम्मति से एक मोहल्ला समिति का गठन किया गया,जिसका नाम सैनिक स्वच्छता समूह रखा गया।
यूपी के आरसी से अर्बन कोऑर्डिनेटर सुभाष द्विवेदी ने लोगों को कचरे के प्रबंधन के फायदे तथा घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में तकनीकी माध्यम से अवगत कराते हुए बताया कि किचन कंपोस्ट बनाने के लिए सूखी पत्तियां, औषधि और मसाले, फलों-सब्जियों के छिलके, घास, रोटी, अनाज, टी बैग या चाय पत्ती, बासी खाना, कटा कागज, कार्ड बोर्ड, अंडे के डिब्बे, अखरोट के छिलके, लकड़ी का चूरा आदि का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले नाइट्रोजन युक्त हरी वस्तुओं जैसे केले के छिलके, बची हुई सब्जियां आदि को अलग रखें,फिर कार्बन युक्त सूखी सामग्री जैसे सूखे पत्ते, कागज, कार्डबोर्ड आदि को अलग करें,उसके बाद सारी चीजों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें,फिर आप कम से कम 14 इंच का गड्ढा खोदें।ध्‍यान रहे कि इसमें नमी और ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छी तरह से हो,अगर आप किसी कंटेनर में कंपोस्ट बना रहे हैं तो उसमें चार-पांच छोटे छेद कर लें जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहे।उसके बाद कंटेनर या गड्ढे में पहले नाइट्रोजन युक्त हरा कचरा डालें और उसके उपर कार्बन युक्त कचरा डालें,फिर इस कंटेनर या गड्ढे में नमी और गर्मी बनाए रखने के लिए इसे ऊपर से मिट्टी डालकर कवर कर दें। किचन वेस्ट से खाद बनने में कम से कम 3 हफ्ते से लेकर 3 महीने तक का समय लग सकता है।2 से 3 महीने के बाद अपशिष्ट सड़ जाते हैं और मिट्टी का रूप ले लेते हैं।इस तरह जैविक खाद बन जाती है।

इस तरह करें इस्तेमाल

उन्होंने बताया कि आप इस खाद को मिट्टी के साथ मिलाकर सीधे गमले में इस्‍तेमाल कर सकते हैं। ये आपके पेड़-पौधों को पोषक तत्व प्रदान करती है और हेल्‍दी रखने में मदद करती है।

किचन कंपोस्‍ट के ये हैं फायदे

  • इसमें किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता कि

-यह मिट्टी की उर्वरता में सुधार करती है.-पौधों को बीमारियों से बचाता है

-पौधे की ग्रोथ में मददगार है

-मिट्टी की नमी को बनाए रखने में भी मदद करता है

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