इनरव्हील क्लब की सदस्यों ने वाहन चालकों किया जागरूक

चालकों से यातायात नियमों का पालन करने का किया आग्रह

आपको खुद को अपनी और अपने परिवार की करनी होगी चिन्ता

बलिया। यातायात नियमों के प्रति जागरुकता करने के लिए जनपद के सुप्रसिद्ध महिला संस्था इनरव्हील क्लब बलिया के महिला सदस्यों ने चितू पाण्डेय चौराहा के पास सड़क पर उतरा और ई- रिक्शा पर रुट का स्टीकर भी चिपकाया। वही मोटर साइकिल चालक एवं अन्य वाहनों के चालकों से आग्रह व निवेदन करते हुए कहा कि नियम, कायदे, कानून आपकी सुरक्षा के लिये बनाये गये हैं। इनका पालन करना सुनिश्चित करना होगा। कब तक पुलिस या बुद्धिजीवी आपको समझाते रहेंगे। आपको खुद को अपनी और अपने परिवार की चिन्ता करनी होगी। इसके लिये आपको सड़क सुरक्षा संबंधी यातायात के नियमों का पालन करना होगा। इनको बोझ समझकर अनदेखी करना घातक सिद्ध हो सकता है।
सड़क हादसे में होने वाली मौतों
की संख्या लगातार बढती जा रही है। इसके लिये दूसरों को नहीं अपने आप को ही बदलकर जिम्मेदार नागरिक बनना होगा। जिससे की आपका पूरा परिवार सुख, शांति से जी सके और चालान के पैसों को बचाकर घर-गृहस्थी की जरूरत पूरी करे।
सड़क पर चलने के कई नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। इस मौके पर क्लब के अध्यक्ष कविता सिंह, नीलिमा सिंह, सरिता गुप्ता,ऊषा पाण्डेय, महेंद्र पाल कौर,ज्या सिंह, अल्पना सोनी, माया गुप्ता, अर्चना उपाध्याय, अमीता पाण्डेय आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कामेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव संतोष कुमार तिवारी ने किया।

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गाड़ी को एक नियत और सधी गति में चलाए

बलिया। चौराहे पर लगे होर्डिंग से सिग्नल नहीं दिखते, इससे भी दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। गाड़ी को एक नियत और सधी गति में चलाने से आप भी सुरक्षित हैं और आपका वाहन भी। जहाँ दोपहिया वाहनों पर ओवर लोडिंग और मोबाइल पर बात करना सड़क दुर्घटना को आमंत्रित करता है। वहीं चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाने से दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु से बचा जा सकता है। सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न कारणों में से एक शराब पीकर वाहन चलाना भी है। चालक को स्वयं सावधानी से वाहन का उपयोग करना चाहिये।

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अत्यंत आवश्यक होने पर ही लम्बी दूरी की यात्रा करें

बलिया। जरूरी है कि लंबी दूरी की सड़क यात्रा से बचा जाये। अत्यंत आवश्यक होने पर ही यह यात्रा की जाना चाहिये। प्राय: देखने में यह आता है कि नागरिक लंबी दूरी की यात्रा के समय ड्रायवर का सहारा लेते हैं और लंबे समय लगातार बिना रुके वाहन चलवाते हैं। ऐसे समय वाहन चालक को आराम देने की जरूरत है। रात के समय तो सफर करने से बचना ही चाहिये, क्योंकि राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्ग पर अधिकांश दुर्घटनाएँ वाहन चालक को नींद का झोंका आने के कारण हुई पायी गयी। अधिकतम 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा वाहनों की गति नहीं रखने में ही समझदारी है। अत्यधिक बारिश, कोहरा और खराब मौसम होने की स्थिति में सड़क मार्ग यात्रा से बचा जाना चाहिये। अगर किसी कार्यक्रम में जाने के लिये आप निकले हैं, तो नियत समय से पहले यात्रा शुरू करना चाहिये। जिससे हड़बड़ी तेजवाहन-चालन से बचा जा सके। कभी-कभी ओवर टेक करना भी मृत्यु का कारण बनता है। इससे बचने के लिये वाहन चालक को धैर्य रखना आवश्यक है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में हेलमेट के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी

बलिया। ग्रामीण क्षेत्रों में हेलमेट के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसी प्रकार ट्रेक्टर-ट्राली वालों के लिये अभियान चलाकर उनके ट्रालों के पीछे रेडियम लगाने की आवश्यकता है। इससे रात में विजिबिलिटी बनने से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसी प्रकार अधिकतर देखने में आता है कि हाई-वे पर पड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक गलत दिशा में वाहन चलाकर एक दम से बड़े वाहनों के सामने आकर मृत्यु को आमंत्रित कर लेते हैं।

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