हल्द्वानी:- अब कि बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण भी होगा। यह चंद्रग्रहण शनिवार की देर रात भारत, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका समेत कई देशों में दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्या डॉ. मंजू जोशी ने बताया कि 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। इसी तिथि पर वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण मेष राशि अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। इस ग्रहण का सूतक लगेगा और धार्मिक महत्व भी रहेगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय समायानुसार ग्रहण से नौ घंटे पूर्व शाम 4:05 से चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होगा। सूर्य व चंद्र ग्रहण के योग में ससंतान गृहस्थियों का उपवास निषेध माना गया है लेकिन उपवास का तात्पर्य अन्न, जल, फल इत्यादि कुछ भी ग्रहण न करने से है।
उन्होंने कहा कि मान्यताओं के अनुसार सूर्य व चंद्र ग्रहण में उपवास, व्रत, जप आदि का अक्षय फल बताया जाता है इसलिए जो श्रद्धालु शरद पूर्णिमा का उपवास करना चाहते हैं सायं 4 बजे से पूर्व फल, दूध, जल, ग्रहण कर सकते हैं। सायंकाल में स्नान कर चंद्रोदय के समय चंद्रमा का मानसिक पूजन, आरती आदि कर सकते हैं।
नैवेद्य में कोई भी पकवान नहीं चढ़ेगा तथा सत्यनारायण जी की मूर्ति का स्पर्श व पूजन नहीं होगा। उपवासकर्ता को 29 अक्टूबर को सुबह स्नान के बाद सूर्योदय पर व्रत का पारायण करना होगा।
चंद्रग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण 28 की रात 1:05 है, ग्रहण का मध्य 1:44 बजे मोक्ष 2:22 बजे है।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं बाल, वृद्ध अवस्थजनों को छोड़कर अन्य सभी के लिए भोजन आदि निषेध रहेगा। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी भी धारदार हथियार का प्रयोग करने से बचे। सुई का प्रयोग नहीं करें। निद्रा से परहेज करें। इसके अतिरिक्त धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।
सफेद वस्तुओं के दान से दूर होगा विष दोष
जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा राहु से पीड़ित हो केतु से पीड़ित हो या फिर चंद्रमा शनि के साथ विष दोष उत्पन्न हो रहा हो। ऐसे जातकों को चंद्र ग्रहण के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना शुभ फल कारक होगा।