आइजल। गत सप्ताह जातीय विद्रोही समूह के साथ सशस्त्र संघर्ष के बाद मिजोरम भाग आए 276 म्यांमार के सैनिकों को जल्द ही भारत वापस भेजेगा। 276 सैनिकों को म्यांमार की वायुसेना द्वारा आइजल के निकट लेंगपुई एयरपोर्ट से पड़ोसी देश के रखाइन प्रांत के सितवे ले जाया जाएगा। गत नवंबर से अब तक म्यांमार के 635 सैनिक भागकर मिजोरम आ चुके हैं। इनमें से 359 सैनिकों को वापस भेजा जा चुका है।
17 जनवरी को भारतीय सीमा में घुस आए थे म्यांमार के सैनिक
असम राइफल्स की अधिकारी ने बताया कि म्यांमार के सैनिक गत 17 जनवरी को हथियारों और गोला-बारूद के साथ दक्षिणी मिजोरम के लांग्टलाई जिले में भारत-म्यांमार-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बांडुकबंगा गांव में घुस आए और असम राइफल्स से संपर्क किया। उन्हें पर्वा स्थित असम राइफल्स के नजदीकी कैंप में ले जाया गया और इनमें से अधिकांश को लुंगलेई में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद से वे असम राइफल्स की निगरानी में हैं।
म्यांमार के साथ 510 किमी लंबी सीमा साझा करता मिजोरम
अधिकारी ने बताया कि समूह का नेतृत्व एक कर्नल करते हैं और इसमें 36 अधिकारी व 240 निचले स्तर के सैनिक है। मिजोरम म्यांमार के साथ 510 किमी लंबी सीमा साझा करता है।
सरकार जल्द बंद करेगी म्यांमार के साथ मुक्त सीमा
मालूम हो कि र म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही जल्द ही बंद होने वाली है। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को बंद करेगी और बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह इसकी सुरक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही पर पुनर्विचार कर रही है।
म्यांमार में संघर्ष के चलते भारतीय इलाकों में बढ़ी आवाजाही
उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह की जाएगी। भारत सरकार म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही को बंद करेगी। मालूम हो कि म्यांमार में संघर्ष के चलते हाल के दिनों में भारतीय इलाकों में आवाजाही बढ़ी है।