उरई। देशभर के किसान संगठन पिछले चार दिनों से दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इसी को लेकर 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर भारत बंद का ऐलान किया था। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन के सांकेतिक रूप से रैली निकालकर भारत बंद का आह्वान किया और राष्ट्रपति को संबोधित 10 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह के साथ यूनियन के रामेश्वर दयाल, कांति, परमेश्वरी, लल्लूराम, रामप्रताप, दशरथ, मानसिंह सहित कई पदाधिकारियों व किसानों ने अजनारी रोड से भारत बंद का आह्वान करते हुए रैली निकाली। रैली माहिल तालाब, घंटाघर, शहीद भगत सिंह चौराहा, आंबेडकर चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची।
जहां पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। जिसमें गया कहा कि किसानों की एमएसपी गारंटी देने की बात सरकार ने की थी लेकिन अब सरकार कर रही है। गलत नीतियों के कारण जो किसानों पर कर्ज हुआ है उसे भी माफ किया जाए। कृषि फसल का प्रीमियम किसानों से न लेकर सरकार दे, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया जाए और विद्युत विधेयक 2022 रद्द किया जाए।
उन्होंने कहा कि अन्ना जानवरों के किसानों की फसल को बचाया जाए, लखीमपुर खीरी के दिवंगत किसानों के स्वजन को न्याय मिलना चाहिए। साथ ही किसानों पर जो कार्रवाई की गई है उसे भी रोका जाए। हालांकि शुक्रवार को भारत बंद का असर जिले में देखने को नहीं मिला। भाकियू के कार्यकर्ताओं ने भी आंशिक रूप से रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा।