नई दिल्ली। गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है। गर्मियां आते ही, लोग खुद को ठंडा रखने के लिए कई तरह के उपाय अपनाने शुरू कर देते हैं। बढ़ते तापमान की वजह से डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक (लू लगने) जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए लोग ठंडी-ठंडी चीजें खाना और अपने घर को ठंडा रखने के जुगाड़ में लग जाते हैं। ए.सी, कूलर, पंखा आदि की मदद से वे अपने घर के भीतर के तापमान को कम करना चाहते हैं, ताकि गर्मी के दुष्प्रभाव से खुद को बचा सकें।
भारत एक सबट्रॉपिकल देश है, जो भूमध्य रेखा के पास होने के साथ-साथ तीनों ओर से समुद्र से भी घिरा है, जिस कारण गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ-साथ काफी उमस का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए खुद को ठंडा रखने के लिए कई तरीकों को आजमाते हैं। हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें गर्मी कम करने में कैसे मदद मिल सकती है, इस बारे में पता चला। आइए जानें क्या पाया गया इस रिसर्च में।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए एक शोध के मुताबिक, जिन घरों की छत सफेद होती है, वे घर ज्यादा ठंडे रहते हैं। रंगों का तापमान से कनेक्शन होता है, इस बारे में आपने सुना होगा। गहरे रंग ज्यादा गर्मी अब्जॉर्ब करते हैं और हल्के रंग कम। इस कारण गर्मी के मौसम में लोग हल्के रंग के कपड़े पहनना पसंद करते हैं। इस रिसर्च के अनुसार भी हल्के रंग की छत वाले घरों का तापमान, गहरे रंग की छत वाले घरों की तुलना में कम होता है।
जिन घरों की छत सफेद या अन्य किसी हल्के रंग के होते हैं, उनका तापमान गहरे रंग की छत वाले घरों से लगभग एक डिग्री कम होता है। इस कारण वे घर कम गर्म होते हैं। ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में जिन घरों की छत गहरे रंग की होती है, उनमें बिजली का खर्च 38 प्रतिशत ज्यादा होता है क्योंकि उन घरों में तापमान ज्यादा होता है, इसलिए उन्हें ठंडा रखने के लिए ज्यादा बिजली की खपत होती है।
गर्मी से राहत दिलाने में घर की छत की कितनी अहम भूमिका है, यह जानने के लिए हम आपको अहमदाबाद में इस शोध पर हो रहे एक पायलट प्रोजेक्ट के बारे में बताते हैं। अहमदाबाद में एक प्रोजेक्ट के तहत गरीब इलाकों में मौजूद 3 हजार से ज्यादा घरों की छतों को सफेद रंग से रंग दिया गया और पाया गया कि इस वजह से 50 डिग्री तापमान में भी काफी राहत महसूस हुई। ऐसा भीतर का तापमान कम होने की वजह से हुआ। सफेद रंग कम हीट अब्जॉर्ब करता है, जिससे गर्मी कम लगती है।
इतना ही नहीं, गुजरात के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि मॉडरूफ वाले घरों का तापमान कंक्रीट की छत वाले घरों की तुलना में 4.5 डिग्री कम होता है। इसके पीछे का विज्ञान यह है कि मॉडरूफ लकड़ी और गत्तों से बनाए जाते हैं, जो कम गर्मी सोखते हैं।