मलेशिया के कूड़ा घर में युवकों ने बिताई रात…

मुरादाबाद। अगवानपुर के चार बेरोजगार युवकों को ‘डंकी रूट’ से ट्रैवल एजेंटों ने मलेशिया भेज दिया था। लगभग 28 दिनों बाद चारों युवक किसी तरह जान बचाकर स्वदेश लौट आए हैं। पीड़ितों ने सिविल लाइंस थाने में दो ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने दोनों एजेंटों पर 12 लाख रुपये हड़पने और फर्जी दस्तावेज से मलेशिया भेजने का आरोप लगाया है।

अगवानुपर निवासी मुहम्मद शारिक ने बताया कि वह बीएससी पास है। जून 2023 में उसकी मुलाकात बरेली के एजाज नगर निवासी ट्रैवल एजेंट अहसान मलिक और पीलीभीत के सिविल लाइंस थाना केजीएन कालोनी निवासी वजाहत शकील से हुई। आरोपितों ने कहा था कि वह दो लाख रुपये में मलेशिया भेज देंगे। वहां पर सेवन इन टू इलेवन माल में एक लाख रुपये प्रतिमाह की नौकरी मिल जाएगी।

ट्रैवल एजेंट को दिए रुपये

आरोपितों के झांसे में मुहम्मद शारिक ने अपने साथ भाई मुहम्मद कैफ, अपने भांजे बरेली के सिरौली निवासी अदनान और पड़ोसी मुहम्मद इश्तेकार को मलेशिया जाने के लिए तैयार कर लिया। सभी ने मिलकर दो-दो लाख रुपये आरोपित दोनों ट्रैवल एजेंट को दे दिए। ट्रैवल एजेंट वजाहत शकील सभी युवकों को एयरपोर्ट में दूसरे एजेंट को सौंपकर वहां से भाग जाता है।

मेडिकल कराने के नाम पर अंग निकालने का किया दावा

पीड़ित युवकों ने बताया कि डंकी रूट से मलेशिया पहुंचने के बाद उन्हें मेडिकल कराने के बहाने अस्पताल ले जाया गया। वहां कागजी कार्रवाई पूरी होने के दौरान पता चला कि यहां दूसरे देश से आए युवकों को बेहोश कर अंग निकाले जाते हैं। चारों युवक चोरी-छिपे अस्पताल से भाग निकले। 22 अगस्त से लेकर 14 सितंबर तक मलेशिया में छिपकर रहे। वहां के कुछ ट्रैवल एजेंटों ने उनकी मदद की।

हालांकि, अस्पताल से भागने के बाद मलेशिया पुलिस भी उनके पीछे पड़ गई। इस घटना के बाद दोबारा बरेली के ट्रैवल एजेंट एहसान मलिक से संपर्क किया। आरोपित ने बाहर निकालने के नाम पर एक-एक लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराए। इसके बाद वापस डंकी रूट से बैंकाक और फिर 15 सितंबर को सभी चेन्नई पहुंचे।

चार माह तक शिकायत दर्ज कराने के लिए भटकते रहे पीड़ित

पीड़ित शाकिर ने बताया कि मलेशिया में फंसने के दौरान स्वजन ने थाने जाकर शिकायत की थी। लेकिन, उन्हें मदद नहीं मिली थी। स्वदेश लौटने के बाद ट्रैवल एजेंट लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे, तो शांत बैठ गए। दिसंबर में वह स्वयं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से मिले। पुलिस अफसरों के काफी चक्कर काटने के बाद उनकी यह प्राथमिकी दर्ज की गई। ट्रैवल एजेंट बेरोजगार युवकों को फंसाकर कर रहे ठगी: पीड़ित युवकों ने बताया कि आरोपित ट्रैवल एजेंट आस-पास के क्षेत्रों के बेरोजगार युवकों को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजते हैं। आरोपितों के बैंकाक और मलेशिया में कई एजेंट हैं, जो डंकी रूट से भारत के युवाओं को विदेश ले जाते हैं। इसके बाद उनके झांसे में आकर युवक विदेश में फंस जाते हैं। वापस भेजने के नाम पर उनके अंगों की तस्करी का काम ट्रैवल एजेंट करते हैं। आरोपितों का विदेश में बड़ा नेटवर्क है।

इसे कहते हैं डंकी रूट

दरअसल, डंकी रूट एक अवैध अप्रवासन तकनीक है। इसके जरिए देशों में अनधिकृत प्रवेश किया जाता है, यानी विदेश जाने का बैक डोर रास्ता। जिन लोगों को वैध तरीके से किसी देश में जाने की इजाजत नहीं मिलती है, वो इसके जरिये वहां पहुंचते हैं।

होटल की बुकिंग बताकर कूड़ाघर में ठहराया

बैंकाक में मिले ट्रैवल एजेंट ने सभी युवकों के पासपोर्ट एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही अपने पास जमा कर लिए। इसके बाद सभी को बस से मलेशिया बार्डर तक ले जाया गया। वहां जंगल में बने कूड़ाघर में रुकने के लिए कहा। शारिक ने बताया कि आधी रात के बाद सभी को नदी किनारे चलने के लिए कहा जाता है।

इसके बाद वहां पर मलेशियाई मछुआरा अपनी छोटी सी नाव से मलेशिया के इंटरनेशनल बार्डर के पार ले गया। यहां पहुंचने के बाद मलेशिया में समुद्र किनारे कूड़ाघर में तब्दील खंडहर में युवकों को रोका गया। उन्हें मलेशिया भेजने से पूर्व बैंकाक के होटल में बुकिंग होने की जानकारी दी गई थी।

पीड़ित युवकों की तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाने में दो ट्रैवल एजेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपित एजेंटों को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमों का लगाया गया है। उनके पकड़े जाने के बाद भी इस पूरे मामले का राजफाश हो गया। जो भी इस मामले में आरोपित होंगे उनको जेल भेजा जाएगा। – अखिलेश भदौरिया, एसपी सिटी

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