उन्नाव : गंगाघाट क्षेत्र के आलमनगर कटरी के एक निर्माणाधीन मकान में गर्भवती महिला के जले हुए शव मिलने के मामले में न्यायालय ने आराेपित पति को दोषी करार दिया। न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन की पैरवी पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या एक ने अपने आदेश में जुर्माना राशि न जमा करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा दिए जाने के भी आदेश दिए हैं।
साल 2021 का है मामला
कानपुर के सुखऊ पुरवा नवाबगंज निवासी राम नारायण पुत्र थन्ना ने 11 फरवरी 2021 को गंगाघाट थाने में तहरीर देते हुए दामाद अखिलेश निषाद निवासी नाथू खेड़ा गंगाघाट और उसकी प्रेमिका मोनी राठौर पर नौ माह की गर्भवती पुत्री की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था। राम नारायण ने अपने आरोप में बताया था कि उसने पुत्री बब्ली की शादी अखिलेश से वर्ष 2009 में की थी।
10 फरवरी 2021 को दामाद अखिलेश ने बब्ली की बड़ी बहन गुड्डी पत्नी कैलाश को फोन करके शुक्लागंज स्थित उजियारी देवी मंदिर बुलाया। जहां गुड्डी, उसके साथ स्वयं पिता रामनारायण और अखिलेश का बहनोई राजेश भी आया था। जहां अखिलेश ने बताया कि वह पत्नी बब्ली की डिलिवरी कराने के लिए अस्पताल ले गया था। जहां से वह पत्नी के लिए चाय लेने गया, तभी बब्ली वहां से भाग गई। उस समय बब्ली नौ माह के गर्भ से थी।
प्रेमिका के साथ मिलकर की थी हत्या
इसी के बाद देर शाम पता चला कि बब्ली का शव आलम नगर कटरी स्थित एक अर्द्धनिर्मित भवन में बब्ली का शव अर्द्ध जला हुआ शव मिला। जिसे स्वान व अन्य जंगली जानवर नोच कर खा रहे थे। शव की शिनाख्त कपड़े, चप्पल, मौके पर मिली अलमारी की चाभी आदि से हुई थी।
पिता ने अखिलेश व उसकी प्रेमिका पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले की सुनवाई कर रहीं न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने आरोपित पति अखिलेश निषाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।