शादी सीजन के दौरान इस बार करीब 1 लाख करोड़ का ज्यादा हो सकता है व्यापार, जमकर होगा कारोबार…

नई दिल्‍ली। भारत में विवाह का सीजन नजदीक आ गया है। 23 नवंबर यानि परसो से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। पिछले साल शादियों के सीजन के दौरान करीब 32 लाख शादियां हुई थीं, जिसकी वजह से 3.75 लाख करोड़ रुपये का कारोबार देश भर में हुआ था। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस साल हमारा आकलन है कि शादी सीजन के दौरान पिछली बार से करीब 1 लाख करोड़ का ज्यादा व्यापार होगा। देश भर में हमने 30 शहरों में व्यापारिक संगठनों से सर्वे करके आंकड़े इकट्ठे किए हैं।

शादियों का सीजन कारोबारियों के लिए अच्‍छा गुजरने का अनुमान
इस सीजन में करीब 38 लाख शादी के कार्यक्रम होंगे। इस दौरान करीब 4.74 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है। सबसे ज्यादा कारोबार ज्वेलरी, खाने-पीने के समान, कैटरिंग, बैंक्विट हॉल, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और दूसरे गिफ्ट आइटम्स से जुड़े सामानों के खरीद से होने का अनुमान है। कोरोना संकट के बाद यह पहली दीवाली थी, जब 3.75 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कारोबार हुआ था। कोरोना के कारण काफी शादियां टल गई थी। सरकार ने भी लागों के एक साथ जुटने को लेकर पाबंदियां लगा रखी थी। ऐसे में कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन इस साल शादियों का सीजन कारोबारियों के लिए अच्‍छा गुजरने का अनुमान है।

देश के कारोबारी उत्साह में
इस बार त्योहारों और शादियों के सीजन को लेकर देश के कारोबारी उत्साह में हैं। देश के सबसे बड़े कारोबारी संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के अनुसार इस बार देश में शादियों की संख्या और खर्च दोनों का रिकॉर्ड टूट सकता है। व्यापारियों के इस संगठन के अनुसार इस बार विवाह सीजन में 4.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। शहालग या विवाह के सीजन में कारोबारी जमकर कमाई की तैयारी में जुट गए हैं। उम्मीद है इस बार शादियों की संख्या और उन पर किए जाने वाले खर्च दोनों में ही उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने में आएगी।

व्यापारियों ने शहालग के पहले शुरू की तैयारियां
भरतिया ने कहा कि शादी के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। खंडेलवाल ने बताया शादी के सीजन से पहले घरों की मरम्मत और घरों की रंगाई-पुताई के कारोबार में भी तेजी आ जाती है। आभूषण, साड़ी, लहंगा-चुन्नी, फर्नीचर, रेडीमेड परिधानों और अन्य कपड़े आदि के कारोबार में भी बढ़ोतरी होती है। जूते, शादी और ग्रीटिंग कार्ड से लेकर सूखे मेवे, मिठाइयाँ, फल, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट का सामान, घर की सजावट का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार आइटम आदि की मांग बढ़ जाती है।

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