आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा को किया तलब, सुनवाई 2 अप्रैल को…

अनूपशहर। वर्ष 2019 में बुलंदशहर लोकसभा से सपा, बसपा व रालोद के संयुक्त प्रत्याशी रहे व हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा को अनूपशहर एमपी-एमएलए कोर्ट ने तलब किया है। साथ ही अग्रिम सुनवाई के लिए दो अप्रैल की तारीख नियत की गई है।

योगेश वर्मा 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में दूरबीन से ईवीएम और स्ट्रांग रूम की निगरानी कर चर्चा में आए थे। उन पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान देर रात में बिना परमिशन के अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार करने का आरोप है। विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 2019 में वादी उपनिरीक्षक नकुल सिहं ने कोतवाली नगर में तहरीर देकर बताया कि वह एवं दो अन्य उप निरीक्षक वारंटी, चुनाव देखरेख व वाहन चेकिंग अभियान चला रहे थे।

इसी दौरान बिना अनुमति देर रात्रि 11 बजे योगेश वर्मा चुनाव सामग्री बांट रहे थे। चुनाव सामग्री बांटने से मना करने पर वह नहीं माने। इसके बाद उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दी गई । अन्य फोर्स भी मौके पर आ गई। तब तक योगेश वर्मा व उनके साथी 8 से 10 गाड़ियां लेकर भाग गए। पुलिस फोर्स द्वारा चुनाव प्रचार में उपयोग हुई दो गाड़ियां व दो व्यक्तियों को मौके से पकड़कर जमा तलाशी ली गई। पूछने पर उन्होंने अपना नाम राजीव भाटी व सौरभ शर्मा बताया। पुलिस दोनों व्यक्ति व गाड़ी को कोतवाली ले गई। साथ ही प्रचार सामग्री को सील किया।

भागे हुए व्यक्तियों की शिनाख्त योगेश वर्मा व मोहम्मद हाजी यूनुस के रूप में हुई। पुलिस ने जनप्रतिनिधित्व एक्ट की धारा में सौरभ शर्मा, राजीव भाटी, योगेश वर्मा, हाजी मोहम्मद यूनुस व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अब यह मामला अनूपशहर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित हुआ है। आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनय कुमार सिंह चतुर्थ ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा को तलब किया है और सुनवाई की तारीख 2 अप्रैल नियत की है।

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