कोटेदारों को उत्तर प्रदेश सत्ता गल्ला विक्रेता परिषद की जिलाध्यक्ष ने रीता वर्मा ने किया संबोधित
बाराबंकी। मांगों के समर्थन में मंगलवार सुबह शहर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में कोटेदार एक एकत्र होने लगे। दोपहर तक उप्र सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के बैनर तले करीब दो सैकड़ा कोटेदारों पहुंच गए। परिषद के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में बैठककर अनिश्चितकालीन वितरण बंद हड़ताल पर रणनीति बनाई। जिलाध्यक्ष के अगुवाई में पैदल मार्च कर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच गए। यहां पर मांगों से संबंधित ज्ञापन डीएम को सौपा है। उन्होंने ने 5 दिनों में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।
इस दौरान उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के जिलाध्यक्ष श्रीमती रीता वर्मा व उनके पति अंकित वर्मा ने कोटेदारों को बताया कि मांगों को लेकर पहले ही पत्र दिया जा चुका है। जिसमे हरियाणा, गोवा, केरल में दो-दो सौ, महाराष्ट्र में 150, राजस्थान में 125 व गुजरात में बीस हजार रुपये कोटेदार का मानदेय है। ऐसे में कोटेदार साथियों को 200 प्रति कुंतल लाभांश दिया जाए इस संबंध में प्रदेश स्तर पर हड़ताल जारी है। जबकि कई जगहों पूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा कोटेदारों को तहसील बुलाकर हड़ताल खत्म करने को कहा जा रहा। 10 जनवरी से वितरण का दबाव बनाया जा रहा। बताया कि जबकि 3 वर्ष से अधिक समय से एक ब्लाक में जमे पूर्ति निरीक्षक का तबादला हो।
पूर्ति विभाग के अधिकारियों को हर महीने लाभांश का ब्लॉक में 30 प्रतिशत किसी ब्लॉक में 40 प्रतिशत सप्लाई इंस्पेक्टर को देना पड़ता है। इस प्रथा को बंद करवाया जाए। आगे देवा ब्लॉक की पूर्ति निरीक्षक गरिमा श्रीवास्तव की उत्पीड़न का मुद्दा भी उठा। परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम सत्येंद्र झा से मिला। उन्होंने 5 दिनों में कोटेदारों की समस्या का समाधान किए जाने का आश्वासन शोषण दिया है। इस मौके पर सत्य प्रकाश सिंह, अखिलेश वर्मा, कृष्णानंद वर्मा, दीपक, कैलाश यादव, दिलीप, राजेंद्र प्रसाद, गुड्डू , प्रेम, गजेंद्र सिंह, अरविंद वर्मा, शिवकुमार, विमलेश, तेज बहादुर, मनीष गौतम, अनिल, गोपीचंद वर्मा, पंकज यादव, सुरेश, अजय, राजकुमार व रामसजीवन आदि थे।