नई दिल्ली। हाउस रेंट अलाउंस वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर का अहम हिस्सा होता है। एचआरए की अहमियत इस वजह से भी ज्यादा होती है, क्योंकि इसके जरिए टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है। लेकिन, एचआरए से टैक्स बचाने के लिए आपको यह समझना पड़ेगा कि इसकी गणना कैसे होती है, किन लोगों का इसका लाभ मिलता है और इसके जरिए टैक्स में छूट कैसे हासिल की जा सकती है।
हाउस रेंट अलाउंस क्या है?
एचआरए को आप भत्ते की तरह समझ सकते हैं, जो नियोक्ता या कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर का किराया चुकाने के लिए देती हैं। जब कर्मचारी को यह रकम मिलती है, तो टैक्सेबल होती है यानी इस पर कर लगता है। लेकिन, इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (13A) के तहत एचआरए पर छूट मिलती है। इसका लाभ लेने के लिए यह जरूरी होता है कि कर्मचारी किराये के मकान में रहता हो। अगर आप अपना रोजगार कर रहे हैं, तो आपको एचआरए पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
एचआरए की गणना कैसे होती है?
आप एचआरए पर कितना टैक्स बचा सकते हैं, इसकी भी एक लिमिट है। यह तीन चीजों पर निर्भर करता है। पहला, आप जो सालाना किराया चुकाते हैं, उसमें सालाना सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद कितनी रकम बचती है? दूसरा, आपकी सैलरी में कितना हिस्सा एचआरए का है? तीसरा, अगर आप मेट्रो सिटी यानी दिल्ली, मुंबई या कोलकाता जैसे शहरों में रहते हैं, तो बेसिक सैलरी का 50 फीसदी एचआरए होगा, वहीं बाकी शहरों के लिए 40 फीसदी।
इन तीनों में से जो भी रकम सबसे कम होगी, उतने पर आपको टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। मिसाल के लिए, रमेश दिल्ली में नौकरी करते हैं और किराये के मकान में रहते हैं। उनकी बेसिक सैलरी 23 हजार रुपये है। उन्हें 15 हजार महीना एचआरए मिलता है और उनका एक महीने का किराया है 12 हजार रुपये।
इस भत्ते के आधार पर रमेश के टैक्स छूट वाली रकम का पता कुछ इस तरह से लगेगा।
रमेश 12 हजार रुपये किराया देते हैं और उनकी बेसिक सैलरी 23 हजार का 10 पर्सेंट 2,300 रुपये होता है। यानी 12 हजार में से 2300 घटाने पर रकम होगी 9,700 रुपये। वहीं, नियोक्ता/ कंपनी से मिलने वाला एचआरए है 15,000 रुपये। बेसिक सैलरी यानी 23 हजार रुपये का 50 फीसदी 11,500 रुपये होता है। इन तीनों में सबसे कम रकम वह है, जो किराये में से बेसिक सैलरी का 10 पर्सेंट घटाकर निकली है यानी 9,700 रुपये। इसका मतलब है कि रमेश को 9,700 रुपये पर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
एचआरए पर टैक्स बेनिफिट कैसे मिलेगा?
अगर आप एचआरए पर टैक्स छूट का लाभ लेना चाहते हैं, तो अपने लैंड लॉर्ड से किराये की रसीद जरूर लें। अगर आपने मकान मलिक के साथ रेंट एग्रीमेंट करा रखा है, तब भी आपको छूट मिल जाएगी। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हर महीने 15 हजार या साल में 1 लाख रुपये से अधिक किराया देने पर आपको मकान मलिक के PAN की जरूरत पड़ेगी, तभी आपको टैक्स छूट मिलेगी।
इन बातों का भी रखें ध्यान :
- अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य को ही किराया देते हैं, तो भी एचआरए पर टैक्स छूट पा सकते हैं। लेकिन, इस स्थिति में आपके परिवार के सदस्य को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आप से मिलने वाले किराये की जानकारी देनी होगी।
- अगर आपके पास नौकरी वाले शहर में अपना घर है, लेकिन आप किराये के मकान में रहते हैं, तब भी एचआरए पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
- आप एचआरए पर टैक्स छूट का लाभ अन्य टैक्स रियायतों के साथ ले सकते हैं। जैसे कि होम लोन पर दिए ब्याज पर टैक्स छूट (सेक्शन 24b) और हाउसिंग लोन के रीपेमेंट पर सेक्शन 80C के तहत छूट।