नवंबर में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है…

नई दिल्ली। अल नीनो प्रभाव के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का तामपान सामान्य से अधिक रह सकता है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को देश के विभिन्न क्षेत्रों में नवंबर के लिए मौसम की भविष्यवाणी की है।

1901 के बाद छठी बार हुआ ऐसा
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 1901 के बाद ऐसा छठी बार हुआ है, जब अक्टूबर में दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में सबसे कम बारिश हुई है। हालांकि, इसमें उत्तर-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य के अधिकतर क्षेत्र शामिल नहीं है। आईएमडी ने 1980 से 2022 तक के आंकड़ों का विश्लेषण के बाद यह आकलन किया है।

नवंबर में 77-123 फीसदी बारिश की संभावना
मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि नवंबर में पूरे देश में लंबी अवधि के औसत का लगभग 77 से 123 प्रतिशत के बीच बारिश हो सकती है। दक्षिण के कुछ इलाकों, उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों और पूर्व-मध्य, पूर्व एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान की स्थितियों में बदलाव से भी भारतीय प्रायद्वीप का जलवायु प्रभावित होता है, इसलिए इन महासागर बेसिनों पर समुद्र की सतह की स्थितियों के विकास की सतत निगरानी की जाती है।

क्या है हिंद महासागर डिपोल?
आईएमडी के मुताबिक पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में पश्चिमी हिंद महासागर का बारी-बारी से गर्म एवं ठंडा होने को हिंद महासागर डिपोल कहा जाता है। इसे भारतीय नीनो भी कहते हैं, जो मानसूनी बारिश को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करता है। हिंद महासागर डिपोल वाले वर्षों में तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश एवं केरल समेत आसपास के क्षेत्रों में अक्टूबर में कम वर्षा होती है, इसके चलते नवंबर का तापमान ऊपर चला जाता है।

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