महाराष्ट्र में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चल रहा राजनीतिक बवाल, आइये जाने पूरी खबर…

मुंबई। महाराष्ट्र के शिवसेना ने एक संवाददाता सम्मेलन कर राज्यपाल रमेश बैस से विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग की। दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि ठाकरे गुट को संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है।

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने दो दिन पहले ही घोषणा कर दी थी कि मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे 10 जनवरी को सुनाए गए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की चीरफाड़ एक संवाददाता सम्मेलन में करेंगे।

इसी घोषणा के अनुसार, मंगलवार को वरली स्थित एनएससीआइ डोम में आयोजित संवाददाता सह कार्यकर्ता सम्मेलन में उद्धव ठाकरे कुछ वकीलों के साथ आए और शिवसेना के 2013 और 2018 के संगठनात्मक चुनाव का वीडियो दिखाते हुए यह बताने की कोशिश की कि पूरे विधि विधान से पार्टी के चुनावों के बावजूद उनसे शिवसेना पार्टी छीनने की कोशिश की जा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी केंद्रीय चुनाव आयोग की तर्ज पर शिवसेना पर वास्तविक अधिकार शिंदे गुट का माना है। इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को यह कहकर चुनौती दे डाली कि बिना पुलिस सुरक्षा के आप लोग और हम भी जनता के बीच जाएं। जनता बता देगी कि शिवसेना किसकी है। उन्होंने कहा कि जब पार्टी में मेरा पद अमान्य था, तो 2019 में अमित शाह मुझसे समर्थन मांगने मेरे घर क्यों आए थे।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह राज्यपाल रमेश बैस से विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग करेंगे। उद्धव का संवाददाता सम्मेलन समाप्त होते ही विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उद्धव ठाकरे गुट को संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि फैसला देने के बाद मुझे इस तरह प्रेस से बात करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन जिस तरह संवैधानिक पद एवं उस पर बैठे व्यक्तियों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, सच्चाई सामने लाना जरूरी हो गया है। नार्वेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ही फैसला किया है।

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