हमीरपुर : वयम राष्ट्रे जाग्रयाम पुरोहितः इस उद्घोष के सहारे हर एक के दिल में बसे गायत्री परिवार के सदस्यों ने गायत्री मंदिर में चल रहे 11 कुंडीय यज्ञ के दौरान दीप यज्ञ में जैसे ही दीयों में अग्नि प्रज्वलित करना प्रारंभ किया। समूची यज्ञशाला परिसर दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। राममंदिर की आकृति पर बनाई गई संरचना पर दीपोत्सव विशेष मनोरम छटा बिखेर रहा था।
गायत्री परिवार के के विद्वान आचार्य राजेंद्र द्विवेदी ने कहा की वीर भोग्या वसुंधरा ऐसे ही नहीं कहा जाता है। हमारी मिट्टी में याज्ञवल्क का यज्ञ विज्ञान चरक सुश्रुत्व का आयुर्वेद वराह मिहिर का ज्योतिष विज्ञान नारद का संगीत कणाद का अणु विज्ञान फैला हुआ है। इसी कारण विद्या के क्षेत्र में भारत जगतगुरु कहलाया। इस दौरान परिसर में गायत्री महिमा से संबंधित स्टाल भी लगाया गया। आयोजन समिति के उमेश शुक्ला, बलदेव प्रसाद, भगवती प्रसाद, पुष्पेंद्र कृष्ण व्यवस्थाओं को देखने का कार्य कर रहे थे। इस मौके पर महिलाओं ने खासी उपस्थिति दर्ज की।