- सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं जांच
बलिया। बदलते मौसम में उतार चढ़ाव हो रहा है, ऐसे में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। लगातार मौसम परिवर्तन से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां लोगों की परेशानी बढ़ा रही हैं। ऐसे बदलते मौसम की चपेट में सबसे पहले बच्चे ही आते हैं। बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे तरह-तरह के वायरल और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए उनका ख़ास ख्याल रखने की आवश्यकता है। यह जानकारी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अभिषेक मिश्रा ने दी।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ जाता है तो वहीं रात में पारा कम हो जाता है| ऐसे में थोड़ी सी असावधानी सेहत बिगाड़ सकती है। खासकर जिस व्यक्ति की शारीरिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। खासकर छोटे बच्चों, और एनीमिया ग्रसित महिलाओं की। जनपद में सर्दी, जुकाम व बुखार के मरीज प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। इस बदलते मौसम में दमा के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है।यह एक एलर्जिक बीमारी है, जिसमें सांस फूलने लगती है और श्वसन मार्ग धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है। इसका प्रमुख कारण वायु प्रदुषण, धूल, सिरगेट का धुआं आदि है। इसलिए इन सभी चीजों से होने वाली एलर्जी से दूर रहे। उन्होंने बताया कि गले में खरास, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत, हल्का बुखार आना, आँखों में जलन, शरीर में दर्द है तो समझ जाइये कि आप बदलते मौसम के शिकार हो रहे हैं। इससे सावधानी रखना शुरू करें और संक्रमण से बचने का उपाय करें। छींकते समय अपने मुंह पर रुमाल जरुर रखें। खानपान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पर्याप्त पानी पीना चाहिए। मौसमी फलों व सब्जियों का खाने में प्रयोग करना चाहिए। पिज्जा, बर्गर, चाट, तली चीजें न खाएं। शारीरिक परेशानी होती है तो चिकित्सक से परामर्श लें। बदलते मौसम में नियमित योग करना चाहिए। नियमित मेडिटेशन करें और इसे दिनचर्या में शामिल करें।
किसी भी प्रकार के लक्षण दिखते ही नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जाँच और पूरा उपचार करायें।