लखनऊ। अभियोजन की बढ़ी ताकत ने माफिया की कमर तोड़ी है। पुलिस की मजबूत पैरवी का ही परिणाम है कि चार दशक से प्रदेश में आतंक के पर्याय रहे माफिया मुख्तार अंसारी को सजा पर सजा हो रही है। डेढ़ साल में मुख्तार को कोर्ट ने आठ मामलों में सजा सुनाई है।
डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि सूचीबद्ध माफिया के विरुद्ध प्रभावी पैरवी की निरंतर मानीटरिंग भी सुनिश्चित कराई जा रही है। माफिया के विरुद्ध दर्ज अन्य मुकदमों में भी प्रभावी पैरवी के साथ ही गवाहों को सुरक्षित कोर्ट तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद
वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है, जो उसके विरुद्ध आठवीं सजा है। लखनऊ जेल में वर्ष 2003 में जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के मामले में हाई कोर्ट ने पहली बार 21 सितंबर, 2022 को मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी। बांदा जेल में बंद मुख्तार ही नहीं, अन्य माफिया के विरुद्ध भी राज्य सरकार ने बीते सात वर्षाें में जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की है। साथ ही उनके मुकदमों में अभियान के तहत पैरवी व गवाही भी सुनिश्चित कराई जा रही है। सटीक कानूनी दांव-पेंच के बलबूते अभियोजन माफिया को ऐसा घेरा रहा है, जिससे उनके बचाव के रास्ते एक-एक कर बंद होते नजर आ रहे हैं।
शासन व डीजीपी मुख्यालय स्तर से 68 सूचीबद्ध माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत पैरवी के चलते तब तक 52 मुकदमों मेें 24 माफिया व उनके गिरोह के 42 सक्रिय सदस्यों को सजा सुनिश्चित कराई गई है। इनमें दो को मृत्युदंड की सजा भी सुनाई गई।
मुख्तार अंसारी के अलावा माफिया विजय मिश्रा, अतीक अहमद (मृत), योगेश भदौड़ा, मुनीर, सलीम, रुस्तम, सोहराब, अजीत सिंह उर्फ हप्पू, आकाश जाट, सुंदर भाटी, मुलायम यादव, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अमित कसाना, एजाज, अनिल दुजाना, याकूब कुरैशी, बच्चू यादव, रणदीप भाटी, संजय सिंह सिंघला, अनुपम दुबे, ऊधम सिंह व अन्य को कोर्ट से सजा सुनिश्चित कराई गई।
मुख्तार और उसके गिरोह की अब तक 608 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त
माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत अब तक 3,818 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त कराने के साथ ही अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है। वहीं माफिया मुख्तार व उसके गिरोह की अब तक 608 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त की गई है। मुख्तार अंसारी गिरोह के 175 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए। गिराेह के पांच सक्रिय सदस्य पुलिस मुठभेड़ में मारे भी जा चुके हैं। जबकि 164 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत तथा छह सदस्यों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई की गई।
इन मामलों में भी हुई सजा
- 23 सितंबर, 2022 को लखनऊ में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में सजा
- 15 दिसंबर, 2022 को गैंगस्टर एक्ट में पांच वर्ष की सजा
- 28 अप्रैल, 2023 को गैंगस्टर एक्ट में दस वर्ष की सजा
- पांच जून, 2023 को अवधेश राय की हत्या में आजीवन कारावास
- 27 अक्टूबर, 2023 को गैंगस्टर एक्ट में दस वर्ष की सजा
- 15 दिसंबर, 2023 को जान से मारने की धमकी देने के मामले में सजा