स्थापना दिवस समारोह के प्रथम दिवस जेएनसीयू में हुआ व्याख्यान
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर त्रिदिवसीय समारोह का आरम्भ बुधवार को हुआ। इस अवसर पर ‘लिविंग लिजेंड्स ऑफ़ बलिया’ फोरम के तत्वावधान में ‘विकसित भारत @2047 में बलिया का योगदान एवं स्वरुप’ विषय पर एक आभासीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बोलते हुए प्रो.जीएन.तिवारी, पूर्व प्रोफेसर, आईआईटी ने कहा कि विकसित भारत को बनाने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान शिक्षक, शिक्षण एवं शिक्षा व्यवस्था का होता हैइस देश की शिक्षा स्तर में सुधार की अवश्यकता है। प्रो.जेपी एन.पाण्डेय, पूर्व प्राचार्य, राजकीय महिला महाविद्यालय सागर, मप्र ने कहा कि देश के विकास के लिए प्रत्येक गाँव का विकास करना होगा। हम ईमानदारी और निष्ठा से अपने कर्त्तव्यों का पालन करे तो निश्चित रूप से बलिया और देश का विकास होगा।
श्री उमेश चतुर्वेदी, सलाहकार, प्रसार भारती, नई दिल्ली ने बलिया में संसाधनों के विकास पर बल दिया। कहा कि यहाँ कि बिजली और सड़क की व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है, इसके बिना विकास संभव नही है। कहा कि बलिया के लोगों को ही इसके लिए आगे आना होगा।प्रो. सैय्यद सिराजुद्दीन अजमली, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने कहा कि देश के विकास के लिए हमे नैतिक एवं मानवीय मूल्यों को बचाना होगा। कहा कि सामूहिकता एवं सांझी संस्कृति के पल्लवन से ही देश का विकास होगा, इसकी शुरुआत हमें खुद से करनी होगी। प्रो.आरसी. श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति, राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि., समस्तीपुर ने बलिया की समस्याओं और उनके निदान पर बात की। बताया कि बलिया के कृषि उत्पादों से पौष्टिक आहार बनाया जा सकता है जिससे बच्चों का कुपोषण दूर होगा। अवशेष कृषि उत्पादों से हर्बल गुलाल, रंग, कीटनाशी आदि बनाये जा सकते हैं, जिससे बेरोजगारी दूर होगी। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षक यदि ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करेगा तो ही देश की तरक्की होगी। कहा कि ‘लिविंग लिजेंड्स ऑफ़ बलिया’ फोरम के सम्मानित सदस्य हमारे मार्गदर्शक हैं, जिनके सुझाव और सहयोग से यह विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.अभिषेक मिश्र ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एस.एल.पाल., डॉ.पुष्पा मिश्रा, डॉ. नीरज सिंह, डॉ.संदीप यादव, डॉ.संजीव कुमार, डॉ.तृप्ति तिवारी आदि प्राध्यापक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।