हमीरपुर : अपने ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या करने वाले आरोपित को दोषी मानते हुए विशेष न्यायाधीश (कोर्ट-1) चंद्रभान सिंह की अदालत ने उसे आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता रामबाबू अवस्थी व विशंभर पाल ने बताया कि सदर कोतवाली के लक्ष्मीबाई तिराहा निवासी नूरबक्श ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि 27 जून 2019 को सुबह 10 बजे वह बड़े पुत्र की चचेरी साली की शादी में बिहूनी गए थे। उसकी बड़ी बहू सीमा व नातिन सानिया भी बिहूनी में ही थे। घर में मां शकीना (85), छोटे पुत्र रईस (30), छोटी बहू रोशनी (28) पत्नी रईस, रईस की छोटी पुत्री आलिया (ढाई वर्ष) और नातिन रोशनी (15) थी। बड़ा पुत्र नफीस जो कि रोडवेज बस में संविदा चालक के रूप में तैनात था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे बस चलाकर घर आया और उसके बाद स्टेट बैंक खाता खुलवाने चला गया। किसी कारणवश खाता न खुलने से वह रोडवेज बस स्टैंड चला गया। वहां से करीब साढ़े तीन बजे बड़े बेटे नफीस ने उसे फोन किया और पूछा कि बरात आ गई तो उन्होंने कहा कि हां, अब तुम भी आ जाओ तो वो रोडवेज से लगभग साढ़े पांच बजे बिहूनी पहुंच गया। वहां से वह रात करीब सात बजे लौटकर घर आया तो देखा कि मकान के सारे दरवाजे खुले थे और मकान की सारी लाइटें खुली पड़ी थी। जैसे मकान के अंदर गया तो नातिन व बहू खून से लथपथ पड़े थे। मैंने आवाज दी रोशनी, आलिया तो दोनों की मौत हो चुकी थी। छोटा पुत्र दूसरे कमरे में मृत पड़ा था। मेरी मां व नातिन रोशनी संदिग्ध स्थिति में पड़ी थी। जिसके बाद उसने डायल 100 पुलिस को सूचना दी। सहायक शासकीय अधिवक्ता रामबाबू अवस्थी व विशंभर पाल ने बताया कि वारदात के समय चार की हथौड़े से व ढाई वर्षीय आलिया की सिलबट्टे से कूचकर हत्या की गई थी। फोरेंसिक जांच में नफीस अहमद के कपड़ों में मृतकों का रक्त पाया गया। बुधवार को विशेष न्यायाधीश (कोर्ट-1) चंद्रभान सिंह ने साक्ष्य व गवाहों के आधार पर नफीस अहमद पुत्र नूरबक्श को पांचों की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 15 हजार अर्थदंड लगाया।