सनातन धर्म में शकुन शास्त्र का अधिक महत्व

नई दिल्ली। सनातन धर्म में शकुन शास्त्र का अधिक महत्व है। शास्त्र में ऐसी कई बातों का उल्लेख किया गया है। जो इंसान के जीवन में घटनाओं के बारे में संकेत देती हैं। हमारे आस पास कुछ भी घटता है, तो उसका कुछ न कुछ मतलब अवश्य होता है। शकुन शास्त्र में बिल्ली के रोने के बारे में भी बताया गया है। कई बार बिल्ली के रोने की आवाज सुनाई देती है और लोग बिल्ली के रोने को अशुभ मानते हैं, जिसकी वजह रोती हुई बिल्ली को भगा देते हैं, लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि शकुन शास्त्र में इसे शुभ माना गया है या अशुभ। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बिल्ली का रोना शुभ या अशुभ होता है।

शुभ या अशुभ?

शकुन शास्त्र के अनुसार, घर के बाहर बिल्ली का रोना अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बिल्ली के रोने से किसी अनहोनी का संकेत का मिलता है। इससे परिवार के सदस्यों पर कोई बड़ी परेशानी आ सकती है।

मिलते हैं ये संकेत

अगर आपके घर के बाहर बिल्ली रो रही है, तो इसका मलतब की इंसान के जीवन में कुछ बुरा होने वाला है या किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बिल्लियों के आपस में झगड़ने से धन हानि और गृह क्लेश के संकेत मिलते हैं।

अगर आप किसी काम से कहीं जा रहे हैं, तो ऐसे में अचानक से बिल्ली रास्ता काट जाए, तो यह अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि जिस कार्य के लिए आप जा रहे हैं। उसमें आपको सफलता प्राप्त नहीं होगी।

-अगर आपके घर में बिल्ली चुपके से आकर दूध पी जाए, तो इससे धन हानि के संकेत मिलते हैं।

-दिवाली के दिन घर में बिल्ली का आना शुभ होता है। माना जाता है इस अवसर पर बिल्ली के घर आने से धन की तिजोरी सदैव भरी रहती है।

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