अगर आपका मूड अक्सर खराब रहता है, इसके लिए 5 तरह के फ्रूट्स बेहद रामबाण साबित हो सकते हैं.

एक कहावत भी है कि मर्दों के मन तक पहुंचने का रास्ता उसके पेट से जाता है. अगर आपके पेट में हेल्दी चीजें जाएंगी तो आपका मन भी सही रहेगा. जी हां, अगर आपका मूड अक्सर खराब रहता है, हमेशा मूड उबल रहा होता है या गुस्से का तापमान कंट्रोल से बाहर हो जाता है तो अपने पेट में कुछ अच्छी चीजों को डालिए. इसके लिए 5 तरह के फ्रूट्स बेहद रामबाण साबित हो सकते हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक कुछ ऐसे सुपरफूड हैं जिनकी मदद से बहुत जल्दी मूड को बेहतर किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं कि उन फ्रूट्स के बारे में जो उबलते हुए मूड को बी ठंडा कर देता है.

  1. बेरीज-हार्वर्ड मेडिकल हेल्थ के मुताबिक जिस फ्रूट्स में जितना अधिक एंटीऑक्सीडेंट होगा, वह फ्रूट उतनी ही तेजी से मूड ठीक करेगा. इस मामले में कई तरह के बेरीज यानी ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रस्पबेरी, जामुन जैसे फ्रूट्स बहुत शक्तिशाली है. ये फ्रूट्स तेजी से ब्रेन के फंक्शन को सक्रिय करते हैं. यह फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है जो सीधे मूड को अपलिफ्ट करने, याददाश्त में सुधार और बेहतर बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है. ब्लूबेरी में भी एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दिमाग में इंफ्लामेशन नहीं होने देता है
  2. बादाम -दिमाग और हार्ट के लिए हेल्दी फैट बहुत फायदेमंद है. विभिन्न तरह के बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो पोलीमोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड है. यह दिमाग में किसी तरह की सूजन नहीं होने देता है और उसके सेल्स को हमेशा हेल्दी रखता है. ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी होने पर डिप्रेशन लेवल हाई हो जाता है. इसलिए बादाम मूड को ठीक करने के लिए बेहतर डाइट है, खासकर अखरोट.

3.सेलमन मछली-सेलमन मछली, ट्रॉट या ज्यादा तेल वाली मछली मूड को बेहतर बनाने के लिए बेशकीमती हीरा है. इन मछलियों को खाने से मूड बेहतर रहता है. इन मछलियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होती है.

  1. ताजी सब्जियां-मूड को बेहतर बनाने के लिए पेट में फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होनी चाहिए. इसलिए रोजाना अपने भोजन में हरी पत्तीदार और फलीदार सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. खासकर पालक जैसी पत्तीदार सब्जी का
  2. साइट्रस फ्रूट-संतरा, कीनू, चकोतरा, नींबू जैसे साइट्रस फ्रूट का सेवन भी रोज करना चाहिए. इससे मूड ठीक रहता है. इन फ्रूट्स में विटामिन सी की मात्रा और फाइबर दोनों ज्यादा रहता है जो दिमाग में किसी तरह के इंफेक्शन से बचाता है साथ तरलता को बरकरार रखता है

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