जालौन। होली के त्योहार पर ट्रेनों में आने जाने वालों के लिए मुसीबत बढ़ने लगी है। झांसी-कानपुर रेलमार्ग से गुजरने वाली किसी भी ट्रेन में सीटें खाली नहीं है। सबसे खराब स्थिति गोरखपुर से मुंबई जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस और लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस, गोरखपुर से मुंबई जाने वाली संत कबीरनगर एक्सप्रेस, गोरखपुर से पनवेल जाने वाली पनवेल एक्सप्रेस में किसी भी श्रेणी में जगह नहीं है। पूरे मार्च माह में ट्रेनें भरी हुई है।
बता दें कि 25 मार्च को होली है। होली पर घर आने और बाहर जाने वाले लोगों की दिक्कतें शुरू हो गई है। जिन लोगों ने तीन से चार माह पहले टिकट बुक करा लिए थे, उनकी स्थिति तो ठीक है लेकिन अब किसी भी ट्रेन में जगह नहीं है। सबसे ज्यादा मारामारी मुंबई आने और जाने वाली ट्रेनों की है। गोरखपुर से सिकंदराबाद राप्ती सागर एक्सप्रेस, बरौनी से एर्नाकुलम जाने वाली ट्रेन एर्नाकुलम एक्सप्रेस, गोरखपुर से बरौनी जाने वाली छपरा मेल, दरभंगा से अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस, कानपुर से बलसाड़ जाने वाली उद्योगकर्मी, प्रतापगढ़ से मुंबई जाने वाली उद्योगनगरी एक्सप्रेस, सुल्तानपुर से मुंबई जाने वाली सुल्तानपुर एक्सप्रेस, लखनऊ से पुणे जाने वाली लखनऊ पुणे एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में किसी भी श्रेणी में जगह नहीं है।
पुष्पक एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में पचास और एसी कोच में 30 से अधिक वेटिंग चल रही है। कुशीनगर एक्सप्रेस में स्लीपर में 101 और एसी में 80 वेटिंग चल रही है। संतकबीरनगर एक्सप्रेस में स्लीपर में 60 और एसी में 30 वेटिंग चल रही है। पनवेल एक्सप्रेस में स्लीपर में 150 और एसी में 70 वेटिंग चल रही है। राप्तीसागर में स्लीपर में 50 और एसपी में 25 वेटिंग चल रही है। छपरा मेल में स्लीपर में सौ और एसी में 23 वेटिंग चल रही है। साबरमती एक्सप्रेस में स्लीपर में 102 व एसी में 33 वेटिंग चल रही है। डेली हो या साप्ताहिक सभी ट्रेनों में जगह नहीं बची है।
यात्री तीन से चार महीने पहले त्योहारों के लिए टिकट बुक करा लेते है। इससे ट्रेनों में सीट नहीं बचती है। ऐसे में तत्काल के माध्यम से टिकट बुक कराए जा सकते हैं। अधिकांश यात्रियों को तत्काल से भी मदद मिल जाती है।