सुबह फोन कर रहे थे तो कोई जवाब नहीं मिला शाम को कालेज से फोन आया कि श्रुति ने आत्महत्या कर ली है…

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के हास्टल में शुक्रवार को एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा श्रुति श्रीवास्तव ने आत्महत्या कर ली। वह क्लास में नहीं गई और साथी छात्राओं को शाम तक कमरे का दरवाजा बंद मिला तो प्रधानाचार्य को सूचना दी गई। जार्जटाउन पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो छात्रा का शव फंदे से लटका मिला।

23 वर्षीय श्रुति श्रीवास्तव ने वर्ष 2020 में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में दाखिला लिया था। मूल रूप से सुल्तानपुर जनपद के हेमनापुर बलीपुर गांव निवासी श्रुति के पिता मनोज श्रीवास्तव परिवार सहित लखनऊ के गोसाईगंज में रहते हैं।

श्रुति मेडिकल कालेज के यूजी हास्टल में अकेले रहती थी। शुक्रवार को वह सुबह आठ बजे तक साथी छात्राओं को दिखी लेकिन फिर क्लास में नहीं पहुंची। वह शाम चार बजे तक कमरे से नहीं निकली तो मेडिकल छात्राओं ने सिक्योरिटी गार्ड और हास्टल वार्डन को बताया। काफी देर तक खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो प्राचार्य डा.एसपी सिंह को सूचना दी गई।

जार्जटाउन थानाध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव को भी बुला लिया गया। धक्का देकर दरवाजा खोलने पर श्रुति चादर के फंदे से लटकी दिखी। उसे फौरन फंदे से उतारा गया लेकिन तब तक उसकी सांस थम चुकी थी।

पुलिस ने कमरे का निरीक्षण किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मानसिक दिक्कत की बात सामने आई है। शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है। लखनऊ से देर रात परिवार के लोग आ गए। उनसे बातचीत कर आगे कार्रवाई की जाएगी।

कल रात में ही तो बात हुई थी बेटी से फोन पर। उससे कहा था कि कोई परेशानी हो तो आकर ले चलें घर कुछ दिनों के लिए। श्रुति ने कहा नहीं पापा, ऐसी कोई जरूरत नहीं। बीती 11 तारीख को आए थे हम पति पत्नी प्रयागराज। तो भी बेटी ने कुछ नहीं बताया। उसकी किसी प्रकार की दवा नहीं चल रही थी। यह कहना है कि श्रुति के पिता मनोज श्रीवास्तव का।

दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में पिता ने कहा कि कैसे क्या हुआ ये मेडिकल कालेज प्रशासन जाने। मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि श्रुति डिप्रेशन में थी। वह डिप्रेशन की दवाएं भी लेती रहती थी।

प्राचार्य डा. एसपी सिंह की मानें तो श्रुति की रूम पार्टनर उसकी आदतों से परेशान थी, प्रार्थना पत्र दिया था कि उसको श्रुति से कहीं अलग रखा जाए। इसके आधार पर रूम पार्टनर को दूसरा कक्ष चार दिनों पहले ही आवंटित किया गया था।

रूम पार्टनर से जानकारी मिली है कि श्रुति डिप्रेशन की दवाएं खाती थी। जबकि श्रुति के पिता मनोज ने कहा कि उनकी बेटी मानसिक रूप से स्वस्थ थी, उसे न कोई बीमारी थी न ही दवा खाती थी। बताया कि शुक्रवार को सुबह फोन कर रहे थे तो कोई जवाब नहीं मिला। सोचा कि बेटी देर रात तक पढ़ी होगी तो सुबह सो रही होगी। शाम को कालेज से फोन आया कि श्रुति ने आत्महत्या कर ली है।

समिति करेगी जांच
श्रुति आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए प्राचार्य ने वरिष्ठ डाक्टरों की समिति गठित कर दी है। डा. वत्सला मिश्रा को समिति का प्रमुख बनाया गया है। रिपोर्ट जितनी जल्दी हो सके, देने को कहा गया है।

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